अंबेडकरनगर। 23 सितंबर, 2020
उप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा प्रेषित प्लाॅन आफ एक्शन 2020-21 के अनुपालन में डाॅ. बब्बू सारंग, जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के निर्देशानुसार बुधवार को जिला कारागार, अम्बेडकरनगर में प्ली बारगेनिंग एवं 436ए के लाभ विषय पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन हुआ।
अशोक कुमार, सचिव/सिविल जज सीडि, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर ने प्ली बारगेनिंग विषय पर बोलते हुए कहा कि भारतीय संसद ने दण्ड प्रक्रिया संहिता में संशोधन अधिनियम 2-2006 द्वारा एक नया अध्याय जोड़कर दांडिक अभियोजन व पीड़ित पक्ष आपसी सामंजस्य से प्रकरण के निपटारे हेतु न्यायालय के अनुमोदन से एक रास्ता निकालते हैं जिसके तहत अभियुक्त द्वारा अपराध स्वीकृति पर उसे हल्के दण्ड से दण्डित किया जाता है जो अन्यथा कठोर हो सकता है। प्ली बारगेनिंग समझौते का एक तरीका है। इसके तहत अभियुक्त कम सजा के बदले में अपने द्वारा किये गये अपराध को स्वीकार करके और पीड़ित व्यक्ति को हुये नुकसान और मुकदमें के दौरान हुये खर्चे की क्षतिपूर्ति करके कठोर सजा से बच सकता है। प्ली बारगेनिंग केवल उन अपराधों पर लागू होता है जिनके लिये कानून में सात वर्ष तक सजा का प्राविधान है। इसके अतिरिक्त 436ए के बारे में बताया कि जब किसी व्यक्ति किसी विधि के अधीन किसी अपराध के (मृत्यु दण्ड को छोड़कर) इस संहित के अधीन अन्वेषण, जांच या विचारण की अवधि के दौरान कारावास की उस अधिकतम अवधि के, जो उस विधि के अधीन उस अपराध के लिए विनिर्दिष्ट की गई है, के आधे से अधिक के लिए कारागार निरूद्ध रह चुका है। वहां वह प्रतिभू सहित या रहित व्यक्तिगत बंधपत्र पर न्यायालय द्वारा छोड़ा जा सकता है, परन्तु न्यायालय, लोक अभियोजक की सुनवाई के पश्चात् और उन कारणों से जो उस द्वारा लेखबद्ध किए जाऐगें, ऐसे व्यक्ति के उक्त आधी अवधि से दीर्घतर अवधि के लिए कारागार निरूद्ध जारी रखने का आदेश कर सके या व्यक्तिगत बंधपत्र के बजाय प्रतिभुओं सहित या रहित जमानत पर उसे छोड़ देगा।
शिविर का संचालन राम चन्द्र वर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता, जनपद न्यायालय, अम्बेडरकनगर द्वारा किया गया।
उपरोक्त शिविर में रमाकान्त दोहरे, जेलर जिला कारागार, अम्बेडकरनगर, प्रदीप एवं विकास सिंह व जिला कारागार, अम्बेडकरनगर के अधिकारी/कर्मचारीगण एवं कैदी भी उपस्थित रहे।
उपरोक्त शिविर के अतिरिक्त अशोक कुमार, सचिव/सिविल जज सीडि, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा जिला कारागार, अम्बेडकरनगर का निरीक्षण भी किया गया एवं उप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ एवं डाॅ. बब्बू सारंग, जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के निर्देशानुसार तथ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, अम्बेडकरनगर द्वारा नामित न्यायिक मजिस्ट्रेट, विराटमणि त्रिपाठी, जनपद न्यायालय, अम्बेडकरनगर द्वारा जिला कारागार, अम्बेडकरनगर में वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से जेल में निरूद्ध बन्दियों हेतु आॅन-लाइन/ई-लोक अदालत का आयोजन किया गया, इस जेल लोक अदालत में कुल 16 मामले लगाये गये।