लखनऊ, लोकेश त्रिपाठी
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश करते हुए इस महत्वपूर्ण फैसले की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य 2047 तक कम से कम 100 गीगावॉट परमाणु ऊर्जा का उत्पादन करना है, ताकि ऊर्जा जरूरतों को पूरा किया जा सके। इसके लिए परमाणु ऊर्जा अधिनियम और नागरिक परमाणु क्षति दायित्व कानून में संशोधन किया जाएगा।
भारत का परमाणु ऊर्जा अधिनियम, 1962 निजी कंपनियों को परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निवेश करने से रोकता है। अब सरकार इस कानून में बदलाव कर निजी कंपनियों को इसमें शामिल होने का मौका देगी। सरकार ने 20,000 करोड़ रुपये के बजट के साथ एक नया ‘न्यूक्लियर एनर्जी मिशन’ शुरू करने की घोषणा की है। इस मिशन के तहत छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर पर अनुसंधान और विकास को बढ़ावा दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि कम से कम पांच स्वदेशी एसएमआर रिएक्टर 2033 तक चालू कर दिए जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने इस फैसले को ऐतिहासिक करार दिया और कहा कि इससे नागरिक परमाणु ऊर्जा का भारत के विकास में बड़ा योगदान होगा।
भारत ने अपने परमाणु दायित्व कानून में संशोधन करने और एक नया ‘न्यूक्लियर एनर्जी मिशन’ शुरू करने की घोषणा की है। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संभावित अमेरिका यात्रा से पहले उठाया गया है। अमेरिका ने हाल ही में भारत के तीन परमाणु संस्थानों पर लगे प्रतिबंध हटा लिए हैं, जिससे नागरिक परमाणु सहयोग को बढ़ावा मिलने की संभावना है।
अमेरिका की ओर से भारत के तीन परमाणु संस्थानों पर लगे प्रतिबंध हटाने के बाद, भारत-अमेरिका के बीच नागरिक परमाणु सहयोग को बढ़ावा मिलने की संभावना है। लेकिन भारत का सख्त नागरिक परमाणु क्षति दायित्व कानून, 2010 अब तक इस समझौते के अमल में एक बाधा बना हुआ था।
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