अम्बेडकरनगर। 31 जनवरी, 2025
सामाजिक संस्था बज़्मे सुखन के तत्वाधान में बसखारी के जलालपुर रोड पर नातिया मुशायरे का आयोजन हुआ। शहंशाहे तरन्नुम हकीम इरफान आजमी के संयोजन में इंकलाबी शायर कुमैल अहमद सिद्दीकी की अध्यक्षता एवं सितारे उर्दू अवार्ड से सम्मानित मो. शफी नेशनल इंटर कॉलेज हंसवर के शिक्षक मो.असलम खान के संचालन में यह कार्यक्रम हुआ।
कारी तौहीद आजमी के तिलावत कुरान पाक से नातिया मुशायरे की शुरुआत हुई। हुआ। बतौर मुख्य वक्ता सै. शमशाद अहमद ने कहा कि पैगंबर मोहम्मद साहब सारी दुनिया के लिए रहमत बनकर दुनिया में आए हैं। इंकलाबी शायर कुमैल अहमद सिद्दीकी ने कहा कि कोई भी शायर मोहम्मद साहब से अकीदत व मोहब्बत के बिना नाते पाक नहीं लिख सकता है। अध्यापक मो.असलम खान ने कहा कि पैगंबर मोहम्मद साहब की तालीम मानवता, इंसानी हमदर्दी व विश्व शांति के लिए पैगाम देती है।
नातिया मुशायरा में शहंशाहे तरन्नुम हकीम इरफान आजमी ने अनोखे अंदाज से शायरी पेश कर लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया। सईद टांडवी ने शेर पढ़ा कि खिला के जहन में नाते रसूल की कलियां, जो महके हश्र तलक वह ख्याल देते हैं। कुमैल अहमद डोंडवी ने कलाम पढ़ा कि जो कुछ है इस जहां में प्यारे नबी का है, कुल कायनात सदका हमारे नबी का है। कमर जिलानी टांडवी ने अशआर पेश किया कि नबी के लुत्फो अता के सदके निजाम दुनिया के चल रहे हैं, उन्हीं के दर के सभी है मांगते उन्हीं के टुकड़ों पर पल रहे हैं।
अफरोज रोशन किछौछवी ने पढ़ा कि नाम आका आने पर उंगलियों को चूमा था, बाखुदा मेरी तब से उंगलियां महकती हैं। हसन वारसी किछौछवी ने कलाम पेश किया कि नबी सा कोई आया नहीं है, खुदा ने जब बनाया ही नहीं है। हकीम इरफान आजमी ने कहा इश्के नबी में जब से गिरफ्तार हो गया, सारा जहान अपना तलबगार हो गया। इसके अलावा शायरा सुम्मुन टांडवी, तालिब रहमानी टांडवी, शाहिद शादानी टांडवी,अशफाक राही जहांगीरगंज, जफर अली आजमी,अशरफ अली आजमी, रेशमा खान, आफरीन खान, फारुक खान व अन्य शायरों व नातख्वां ने नातिया कलाम पेश किया। इस मौके पर हारिस खान, जुनैद अकबर कामली व अन्य मौजूद रहे।
