अंबेडकरनगर। 17 जून, 2025
करीब 41 वर्ष पूर्व सूफी संत हजरत मखदूम अशरफ की अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त किछौछा दरगाह पर आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने की कवायद को ध्यान में रखते हुए किछौछा नगर पंचायत का गठन किया गया था। आज सूरत-ए-हाल यह है कि किछौछा नगर पंचायत के द्वारा इस दरगाह के बाबा बैठका वाले स्थान पर कई टन कूडे़ का ढेर लगा दिया गया है। कूड़े के ढेर जमा होने से बाबा बैठका के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है।
सूफी संत हजरत मखदूम अशरफ की दरगाह पर आने वाले जायरीन हर रोज सैकड़ों की संख्या में तीर्थयात्री/श्रद्धालु बाबा बैठका के तालाब में स्नान करने जाते हैं। कुछ जायरीन ऐसे भी होते हैं जो इस तालाब के जल से प्रायः वजू बना कर ( मुंह हाथ धोकर ) बाबा बैठका वाले स्थान पर नमाज और कुरआन भी पढ़ते हैं। लेकिन किछौछा नगर पंचायत के तरफ से कई टन यहां कचरे का ढेर लगा दिया गया है। कूड़े के ढेर में आग लगाने से यहां जमा कचरा कुछ दब जरूर गया है लेकिन अभी भी भारी मात्रा में कचरा फैला हुआ है।
बताया जाता है कि सन् 1984 में किछौछा नगर पंचायत का गठन हुआ था। सीमा विस्तार में मलिकपुर और मखदूमनगर को शामिल करने के बाद मौजूदा समय में किछौछा नगर पंचायत का क्षेत्रफल करीब 10.5 वर्ग किलोमीटर बताया जाता है। वर्तमान में किछौछा नगर पंचायत के वार्डों की संख्या भी 17 है। अब लाख टके का सवाल है कि 10.5 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्रफल होने और 17 वार्ड होने के बावजूद सूफी संत हजरत मखदूम अशरफ की अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त किछौछा दरगाह के बाबा बैठका वाले स्थान पर कई टन कूड़ा करकट फेंकना कहां तक उचित है। यहां कचरा फेंक कर दरगाह की गरिमा, ऐतिहासिक महत्व को भी एक तरह से ठेस पहुंचायी गई है। भविष्य में यहां और कूड़ा न फेंका जाए खानवादए अशरफिया के जुड़े लोग भी उतने सक्रिय नहीं दिख रहे हैं।
