नई दिल्ली। 05 सितंबर, 2020 ( रक्षा मंत्रालय के हवाले से )
ओडिशा तट से दूर व्हीलर द्वीप से सोमवार को सुबह 11.45 बजे सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेंट रिलीज आफ टॉरपीडो (एसएमएआरटी) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। इसमें रेंज और ऊंचाई तक मिसाइल की उड़ान, आगे शंकु के आकार के नकीले भाग का पृथक्करण, टारपीडो का अलग होना और वेग न्यूनीकरण तंत्र (वीआरएम) की तैनाती सहित सभी मिशन उद्देश्यों का पूरी तरह से पालन किया गया है।
समुद्र तट के अलावा ट्रैकिंग स्टेशन (रडार, इलेक्ट्रो ऑप्टिकल सिस्टम) और डाउन रेंज जहाजों सहित दूरमापी स्टेशनों ने सभी घटनाओं की निगरानी की।
एसएमआरटीए, टॉरपीडो रेंज से परे एक मिसाइल पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता (एएसडब्ल्यू) ऑपरेशन के लिए हल्के एंटी-सबमरीन टॉरपीडो सिस्टम की एक मिसाइल असिस्टेड रिलीज है। यह प्रक्षेपण और प्रदर्शन पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता स्थापित करने में महत्वपूर्ण है।
डीआरडीएल, आरसीआई हैदराबाद, एडीआरडीई आगरा, एनएसटीएल विशाखापत्तनम सहित कई डीआरडीओ प्रयोगशालाओं ने एसएमएआरटी के लिए आवश्यक तकनीकों का विकास किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को बधाई दी है। डीडी आरएंडडी के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी ने कहा कि एसएमएआरटी पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता स्थापित करने में महत्वपूर्ण तकनीक है।