अंबेडकरनगर। 10 अगस्त, 2025
जिले के कस्बा बसखारी में मौलाना सै. अनीस अशरफ के आवास परिसर पर रविवार को बुजुर्ग महिला सैयदा शाहेदुन्निशा को खेराजे अकीदत ( श्रदांजलि ) पेश करने के उद्देश्य से विशेष जलसे का आयोजन हुआ। इस दौरान फातेहाख्वानी भी हुई और साथ ही लंगरे आम का भी आयोजन हुआ। बुजुर्ग सै. आसिफ अशरफ की सदारात ( अध्यक्षता ) में कार्यक्रम आयोजित हुए।
मुख्य वक्ता मौलाना सै. जामी अशरफ ने अपने संबोधन में सर्वप्रथम सूफी संत हजरत मखदूम अशरफ की शान में विशेष तकरीरें करके खूब वाहवाहियां लूटीं। उन्होंने बुजुर्ग शख्सियत सैयदा शाहेदुन्निशा के व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। यह भी कहा कि उनके दो बेटे क्रमशः मौलाना सै. अनीस अशरफ अशरफीउल जिलानी जिले के बसखारी कस्बे में और सै. रईस अशरफ अशरफीउल जिलानी गुजरात के खंभात शरीफ में शिक्षण संस्थाओं को स्थापित करके शिक्षा की अलख जगा रहे हैं जो वास्तव में काबिले तारीफ है। सज्जादानशीन सै. मोइनुद्दीन अशरफ अशरफीउल जिलानी “मोइन मियां” ने जलसे के अंत में बुजुर्ग शख्सियत सैयदा शाहेदुन्निशा की मगफिरत, हिन्दुस्तान में अमन-शांति व सांप्रदायिक सौहार्द कायम रहे, इसके लिए खास दुआएं मांगी।
कार्यक्रम में सज्जादानशीन सै. हसीन अशरफ अशरफीउल जिलानी, सै. निजामी अशरफ, सै. खलीक अशरफ, सै. कसीम अशरफ, समाजसेवी सै. अजीज अशरफ, मौलाना सै. वली अशरफ अच्छू मियां, सै. नजम अशरफ, रस्सू मियां, प्रधानाचार्य अनवारुल साहब ( गाजीपुर ), सै. मसूदुर्रहमान, फरहान अशरफ समेत अन्य लोग मौजूद रहे।












































