अंबेडकरनगर। 05 अप्रैल, 2024
देश के सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा शुक्रवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ( यूपी ) के उस फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी गई जिसमें उप्र मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम 2004 को असंवैधानिक व धर्मनिरपेक्ष के सिद्धांत का उल्लंघन करने वाला बताया था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का मदारिसे अरबिया टीचर्स एसासिएशन अंबेडकरनगर समेत जिले भर के मदरसों के अध्यापकों ने गर्मजोशी से इस्तकबाल किया है।
अंबेडकरनगर मदारिसे अरबिया टीचर्स एसासिएशन के जिलाध्यक्ष मौलाना सै. वली अशरफ उर्फ अच्छू मियां ने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम के प्रावधानों के गलत अर्थ निकाले। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के तरफ से 22 मार्च को दिए गए एक फैसले से उत्तर प्रदेश के मदरसों के लाखों छात्र व हजारों अध्यापकों का भविष्य एक तरह से अंधेरे में लटक गया था। लेकिन देश के सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुप्रीम फैसला सुनाया जो वास्तव में ऐतिहासिक व काबिले तारीफ भी है। संयुक्त सचिव सै. खलीक अशरफ ने कहा कि शुक्रवार का दिन यूपी के मदरसों के लाखों छात्र व शिक्षकों के लिए काफी यादगार रहेगा। सर्वाच्च न्यायालय ने एक बेहतरीन फैसला देते हुए देश के लोकतंत्र व संविधान की रक्षा की। यह फैसला काफी सराहनीय है। खलीक अशरफ ने अपील की है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सादगी में स्वागत किया जाना चाहिए। अंबेडकरनगर मदारिसे अरबिया टीचर्स एसासिएशन के सचिव मौलाना मोहम्मद शहबाज समेत जनपद के विभिन्न मदरसों के अध्यापकों समेत अन्य लोगों ने सर्वाच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है।