अंबेडकरनगर। 03 जून, 2025
नौशाद खां अशरफी
सूफी संत हजरत मखदूम अशरफ की किछौछा दरगाह में लगभग 650 वर्ष पुराने पवित्र तालाब नीर शरीफ से हर रोज लगभग एक लाख लीटर से अधिक जल का इस्तेमाल जायरीन पीने के लिए कर रहे हैं। मनौती के तौर पर बाहर से आए हुए मरीज/जायरीन जब तक दरगाह में रहते हैं, आस्था के तौर इस तालाब के जल का ही सेवन करते हैं। दूसरा कोई पानी व नहीं पीते।
किछौछा दरगाह में मोहर्रम व वार्षिक उर्स मेला को छोड़ कर औसतन 40 से 50 हजार जायरीन/यात्री हमेशा प्रवास करते हैं। दरगाह इंतेजामिया कमेटी के तरफ से विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श करके प्रायः समय-समय पर पवित्र तालाब नीर शरीफ में ब्लीचिंग पाउडर, पोटाश, फिटकिरी व चूना समेत अन्य औषधियों का छिड़काव पानी को साफ करने के लिए किया जाता है। तालाब में पानी का औसत बरकरार रहे, इसके लिए तालाब तट पर स्थित नलकूप से अक्सर पानी भी छोड़ा जाता है। कुछ वर्ष पहले दरगाह के इस तालाब का जल परीक्षण के लिए लेक कंसर्वेशन ऑथरिटी ऑफ मध्य प्रदेश भी भेजा गया था। इस संस्थान ने अपनी रिपोर्ट में जल को पीने लायब बताया था तथा पानी को साफ रखने के लिए कुछ जरूरी हिदायतें भी दी थी।
