अंबेडकरनगर। 01 अप्रैल, 2024
खुला खेल फर्रुखाबादी देखना है तो आप, किछौछा नगर पंचायत में चले आइए! किछौछा नगर पंचायत की टैक्सी स्टैंड की नीलामी ( वर्ष 2024/25 ) को लेकर उत्पन्न विवाद के मद्देनजर जिलाधिकारी के निर्देश पर तीन सदस्यीय जांच समिति तो बिठा दिया गया लेकिन चेयरमैन ने अधिकार क्षेत्र से बाहर जा कर बिना ईओ के हस्ताक्षर के संबंधित बोलीदाता/ठेकेदार को कार्यादेश जारी कर 1 अप्रैल से अवैधानिक तरीके से वसूली शुरू करवा दिया है।
अब लाख टके का सवाल है कि टैक्सी स्टैड के ठेका के मामले में जिलाधिकारी के निर्देश/आदेश को क्यों किछौछा नगर पंचायत के चेयरमैन ओमकार गुप्ता के द्वारा नजरअंदाज व दरकिनार किया जा रहा है। डीएम के आदेश को चेयरमैन के द्वारा न मानने का मामला इलाकाई जनता में यह काफी चर्चा का विषय बना हुआ है।
अयोध्या जिले के निवासी बोलीदाता राम प्रताप ने इसी 13 मार्च को समय दिन में करीब 11. 25 बजे जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी व ईओ समेत तीनों अहलकारों को बजरिए व्हाट्स ऐप/ऑनलाइन एक शिकायती प्रार्थना पत्र भेजा था। दिए गए प्रार्थना पत्र में उन्होंने आरोप लगाया था कि जिलाधिकारी के सभाकक्ष के सामने समय सुबह 10 बजे से बैठकर बोली में भाग लेने का इंतजार कर रहे थे परंतु काफी समय बीत जाने के बावजूद भी संबंधित अधिकारियों को सभाकक्ष के पास तथा अन्य बोलीदाता को नहीं देखा गया। टैक्सी स्टैंड की नीलामी की कोई कार्यवाही नहीं की गई। बाद में विशेष सूत्रों से यह ज्ञात हुआ कि नीलामी का स्थल जिलाधिकारी के सभागार कक्ष व अपर जिलाधिकारी वि./रा. अंबेडकरनगर के न्यायालय में नीलामी न करके अपने चेहेते ठेकेदार के पक्ष में बगैर सार्वजनिक बोली बुलाए नीलामी कर दी गई।
शिकायतकर्ता/बोलीदाता राम सागर ने जिलाधिकारी से मांग की थी कि अवैधानिक तरीके से की गई नीलामी को निरस्त करते हुए पुनः विज्ञप्ति निकाल कर सार्वजनिक तौर से उन्हें सम्मिलित करते हुए नीलामी की बोली लगवाई जाए। शिकायती प्रार्थना पत्र को संज्ञान में लेते हुए 19 मार्च को जिलाधिकारी ने तीन सदस्यीय जांच टीम गठित करने का निर्देश दिया।
इस तीन सदस्यीय जांच टीम में एडीएम ( राजस्व एवं वित ) अध्यक्ष, एसडीएम टांडा सदस्य व उपायुक्त जिला उद्योग एवं प्रोत्साहन केंद्र सदस्य को शामिल करके जांच समिति का गठन कर दिया गया और एक सप्ताह में जांच करके अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया। 22 मार्च को कार्यालय जिलाधिकारी के द्वारा जारी पत्र के अनुसार 3 अप्रैल को समय 11.30 बजे कलेक्ट्रेट कार्यालय के कक्ष संख्या 31 में साक्ष्य संकलन एवं अभिलेखीय साक्ष्यों के परीक्षण एवं जांच कार्यवाही हेतु सभी पक्षों को उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है।
इसके बाद 30 मार्च को बोलीदाता राम प्रताप के द्वारा जिलाधिकारी के समक्ष एक दूसरा प्रार्थना पत्र दिया गया। जिसमें यह मांग की गई है कि 03.04.2024 की तिथि तक यानी दौरान जांच अंतिम निस्तारण तक बसखारी/किछौछा टैक्सी स्टैंड की वसूली अवैधानिक तरीके से दी गई संबंधित बोलीदाता चन्द्रजीत पुत्र बखेड़ू केशवपुर टांडा से वसूली न करायी जाए।
आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि इसी 13 मार्च को टैक्सी स्टैंड की नीलामी की गई और अगले ही दिन अर्थात् 14 मार्च की तारीख में किछौछा नगर पंचायत के ईओ के हस्ताक्षर के बिना विवादित तरीके से ठेका हासिल करने वाले बोलीदाता चन्द्रजीत के पक्ष में चेयरमैन ओमकार गुप्ता ने कूटरचना व दुरभि संधि करके अवैधानिक तरीके से कार्यादेश ( वसूली पत्र ) जारी कर दिया। वर्ष 2023-24 के टैक्सी स्टैंड के निवर्तमान ठेकेदार जिनका कार्यकाल 31 मार्च 2024 को खत्म हुआ। इस समय सीमा का भी ख्याल नहीं रखा गया।
चेयरमैन के द्वारा दिए गए कार्यादेश ( वसूली पत्र ) को आधार मान कर ही विवादित तरीके से ठेका पाने वाले बोलीदाता चन्द्रजीत के गुर्गों ने 1 अप्रैल की सुबह से किछौछा नगर पंचायत क्षेत्र में बाहर से आने वाले वाहनों से वसूली शुरू कर दिया। जानकार बताते हैं कि जिलाधिकारी के द्वारा गठित जांच टीम की रिपोर्ट आने व उस पर लिए जाने वाले संभावित निर्णय का इंतजार किया जाना चाहिए था। मगर ऐसा नहीं हुआ और चेयरमैन ने जिलाधिकारी के द्वारा दिए गए आदेश/निर्देश का खुला उल्लंघन किया गया है जो विधि विरुद्ध है।
जानकारों का यह भी मानना है कि डीएम के द्वारा जांच निस्तारण तक विवादित बोलीदाता चन्द्रजीत के बजाए किछौछा नगर पंचायत को स्वयं अपने स्तर से सरकारी वसूली की जानी चाहिए थी। जो पूर्व में भी विषम परिस्थितियों में होती रही है लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। चेयरमैन की इस कार्यशैली को लेकर तरह-तरह के सवाल उठने लगे हैं। अब किस करवट बैठेगा ऊंट, आने वाले समय का लोगों को इंतेजार करना होगा।