अंबेडकरनगर। 09 नवंबर, 2020
उप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा प्रेषित प्लाॅन आफ एक्शन 2020-21 के अनुपालन में डाॅ. बब्बू सारंग, जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के निर्देशानुसार तहसील सभागार, अकबरपुर में राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस के अवसर पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
अशोक कुमार सचिव/मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर ने शिविर को सम्बोधित करते हुए बताया कि ‘‘सभी नागरिकों के लिये उचित, निष्पक्ष और न्याय प्रक्रिया सुनिश्चित करने हेतु जागरूक करनेे के उद्देश्य से राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस मनाया जाता है।’’ राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस की शुरुआत पहली बार 1995 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को सहायता और समर्थन प्रदान करने के लिये की गयी थी। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नालसा का गठन विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 के अन्तर्गत समाज से कमजोर वर्गों को निःशुल्क कानूनी सेवाएं प्रदान करने के लिये और विवादों के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिये लोक अदालतों का आयोजन करने के उद्देश्य से किया गया है। भारत के मुख्य न्यायाधीश इसके मुख्य संरक्षक हैं और माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वितीय वरिष्ठ न्यायाधीश प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष होते हैं।
जयप्रकाश, तहसीलदार/सचिव, तहसील विधिक सेवा समिति, अकबरपुर ने जानकारी दी कि ‘‘राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नालसा देश भर में विधिक सहायता कार्यक्रम और योजनाएं लागू करने के लिये राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण पर दिशा-निर्देश जारी करता है।’’ मुख्य रूप से राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं तालुक विधिक सेवा समितियों आदि को पात्र लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने एवं विवादों को सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाने के लिये लोक अदालतों एवं सुलह-समझौता के माध्यम से निपटाने का कार्य करता है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता रामचन्द्र वर्मा ने बताया कि मुफ्त विधिक सहायता पाने के लिये महिलाएं और बच्चे अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के सदस्य, औद्यौगिक श्रमिक, बड़ी आपदाओं जैसे हिंसा, बाढ़, सूखे, भूकम्प तथा औद्यौगिक आपदाओं आदि के शिकार लोग, विकलांग, निराश्रित, वृद्धजन व्यक्ति, हिरासत में रखे गये लोग, ऐसे व्यक्ति जिनकी वार्षिक एक लाख रूपये से कम है एवं बेगार या अवैध मानव व्यापार के शिकार व्यक्तियों को पात्र बनाया गया है। इस शिविर में राजीव सिंह अध्यक्ष, चाइल्ड वेलफेयर कमेटी, वन्दना अग्रहरी, आशाराम वर्मा, सत्यम श्रीवास्तव, कुलदीप, हरीनारायण यादव, इन्द्रनारायण, करमराज, राजमणि, हरिओम, रूबी सिंह, माधुरी गुप्ता, जागृति पाण्डेय एवं प्रदीप, रिम्पू कुमार तथा तहसील के कर्मचारीगण एवं मीडियाकर्मी व अन्य उपस्थित रहेे।