अंबेडकरनगर। 13 सितंबर, 2024
किछौछा नगर पंचायत क्षेत्र में जलालपुर रोड के पास तिराहे पर स्थित प्रवेश द्वार पर पूर्व सांसद मौलाना मुजफ्फर हुसैन किछौछवी के नाम लगे बोर्ड को उतारते समय हंगामा करना महंगा पड़ा है। इस मामले में नगर पंचायत के कर्मी की तहरीर पर बसखारी पुलिस ने 13 नामजद और 20 अज्ञात समेत 33 लोगों के खिलाफ मारपीट करने, हिंसा या आपराधिक गतिविधियों के लिए उकसाने, गंभीर चोट पहुंचाने और एससी-एसटी एक्ट समेत कई संज्ञेय धाराओं में केस दर्ज किया है।
बुधवार शाम करीब चार बजे किछौछा नगर पंचायत कर्मचारियों की टीम गाड़ी, क्रेन लेकर उक्त बोर्ड को नीचे उतरवाने के लिए पहुंच गई। चूंकि बोर्ड काफी बड़ा था। इसलिए बोर्ड के कई हिस्सों को धीरे-धीरे खोल कर नीचे कर्मचारियों ने नीचे रखना शुरू किया। इसकी खबर फैलते ही पूर्व सांसद के परिजन और काफी भीड़ पहुंच गई और इसका विरोध करना शुरू किया। हंगामा होता देख बसखारी थाना प्रभारी निरीक्षक संत कुमार सिंह ने मय फोर्स के साथ स्थिति को नियंत्रण करने में जुटे रहे।
नगर पंचायत कर्मचारी रामसिंगार व अन्य की तहरीर पर बसखारी पुलिस ने पूर्व सांसद मुजफ्फर हुसैन किछौछवी के पुत्र मुशर्रफ हुसैन, अता रहमान पुत्र मैफुजुर्रहमान, फैसल पुत्र मुशर्रफ हुसैन, अर्सी पुत्र मुशर्रफ हुसैन, फुरकान पुत्र मो. जमील इदरीशी, मोहम्मद पुत्र राजू खादिम, हसिन पुत्र जमील अशरफ, हुसैनी पुत्र जमील अशरफ, खालिद बैटरी पुत्र नब्बू, जाहिद अशरफ पुत्र शरीफ अशरफ, आशिफ पुत्र नब्बू, हसीन अशरफ पुत्र स्व. आफताब अशरफ, औकिल भवई पुत्र अज्ञात समेत 13 नामजद व 15-20 अज्ञात लोग निवासीगण किछौछा समेत 33 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
दर्ज एफआईआर में सबसे चौंकाने वाला नाम किछौछा दरगाह के एक सज्जादानशीन सै. हसीन अशरफ अशरफीउल जिलानी का है जो दरगाह के उर्स पर 26 मोहर्रम को उर्स की रसूमात की अदायगी करते हैं। देश के कई प्रांतों-शहरों में उनके मुरीद ( शिष्य ) भी हैं। उधर, सज्जादानशीन सै. हसीन अशरफ ने दूरभाष पर बताया कि बोर्ड के उतारने वाले दिन घटनास्थल पर वे मौजूद ही नहीं थे। बल्कि चिकित्सक को दिखा कर अपनी कार से घर वापस लौट रहे थे।
अधिशासी अधिकारी संजय कुमार जैसवार से यह पूछे जाने पर कि जिस प्रवेश द्वार लगे बोर्ड को उतारा गया है। उस स्थान पर यदि कोई दूसरे व्यक्ति के नाम का बोर्ड लगाया जाना था तो क्या बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव पारित कराने के बाद जिलाधिकारी के माध्यम से संस्तुति के लिए शासन के पास भेजा गया है। इस पर ईओ ने कहा कि उन्हें इस मामले में कोई जानकारी नहीं है। खास बात यह है कि किछौछा नगर पंचायत क्षेत्र में हिन्दू-मुस्लिम की मिश्रित आबादी है। मौजूदा समय में अंतराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त सूफी संत हजरत मखदूम अशरफ की धरती पर राजनीति का जो कार्ड खेला जा रहा है उससे क्षेत्र में होली की गुजिया और ईद की सेवईं की मिठास फिलहाल फीकी पड़ती नजर आ रही है। नफरत का जो बीज बोया जा रहा है आने वाले समय में निश्चित तौर पर उसका असर पड़ेगा।