टांडा/अंबेडकरनगर। 11 अगस्त, 2025
अहमद फ़राज़/हामिद सिद्दीकी
जिले के टांडा में मदरसा जामिया प्रबंधक तूफैल अख्तर के संयोजन में आयोजित ऐतिहासिक प्रांतीय तबलीगी सम्मेलन में हिंदुस्तान के चार बड़े आलिमों में शुमार और अपनी सादगी व प्रभावशाली अंदाज़ के लिए मशहूर हजरत मौलाना अफ़जालुर रहमान ने जोशीले लहजे में कहा कि शादी-ब्याह के मौकों पर होने वाली फिजूलखर्ची और दिखावे से भरी रशम-रिवाज की परंपराएं समाज को भीतर से कमजोर कर रही हैं, इन्हें खत्म करना बेहद जरूरी है ताकि हर तबके को बराबरी का दर्जा मिल सके। नारी सशक्तिकरण पर उन्होंने खास तौर पर मां की भूमिका को समाज की रीढ़ बताते हुए कहा कि “मां मजबूत होगी तो उससे जन्म लेने वाले बेटे-बेटियां भी मजबूत होंगे।” मौलाना ने ज़ोर देकर कहा कि मां का शिक्षित, जागरूक होना न सिर्फ एक परिवार की, बल्कि पूरे समाज और मुल्क की तरक्की की सबसे मजबूत नींव है, क्योंकि मां के संस्कार ही आने वाली पीढ़ियों का चरित्र गढ़ते हैं। उन्होंने इंसानियत को सबसे बड़ा मज़हब बताते हुए कहा कि पड़ोसी चाहे किसी भी जाति या धर्म का हो, अगर वह भूखा सो जाए तो यह इस्लाम और उसके मानने वालों के लिए सबसे बड़ी तौहीन है। पूरे सम्मेलन में अमन-ओ-भाईचारे का माहौल रहा और विभिन्न जनपदों से पहुंचे लोगों ने मुल्क से वफादारी, सर्वधर्म सौहार्द और इंसानियत की हिफाज़त का संकल्प लिया।










































