लखनऊ, 08 जनवरी 2023
प्रदेश में अब हर 15 तारीख को निक्षय दिवस की जगह एकीकृत निक्षय दिवस मनाया जाएगा। इसमें एक ही छत के नीचे बहुत कम समय में क्षय रोग के साथ साथ कुष्ठ रोग, फाइलेरिया, मलेरिया, चिकनगुनिया और कालाजार के मरीजों का इलाज हो सकेगा।
शासन की ओर से जारी पत्र में निर्देशित किया गया है कि जिस तरह पहले हर 15 तारीख को निक्षय दिवस के अवसर पर क्षय रोगियों को चिन्हित कर जांच और इलाज की प्रक्रिया पूरी की जाती थी। इसी तरह अब इस दिवस को एकीकृत निक्षय दिवस के रूप में मनाते हुए क्षय रोग के साथ कुष्ठ रोग, फाइलेरिया, मलेरिया, चिकनगुनिया और कालाजार के मरीजों पर यही व्यवस्था लागू होगी। इस दिवस को मनाने के पीछे उद्देश्य है कि मरीज का चिन्हांकन, जांच और इलाज एक ही दिन में शुरू हो। जिलों के समस्त स्वास्थ्य केंद्रों, उप स्वास्थ्य केंद्रों और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर मरीजों का चिन्हांकन, जांच और इलाज सुनिश्चित करना होगा। इसके लिए सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। बाद में यह पूरी व्यवस्था ई-कवच में शामिल करने की तैयारी है। इससे प्रदेश भर के मरीजों और उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी एक क्लिक पर ही मिल सकेगी।
गौरतलब है कि कुष्ठ रोग, फाइलेरिया, मलेरिया, चिकनगुनिया को वर्ष 2030 और क्षय रोग को वर्ष 2025 तक प्रदेश से समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित है। वहीं कालाजार उन्मूलन इसी वर्ष यानि 2023 तक खत्म करने का लक्ष्य तय है। प्रदेश में 51 जनपद फाइलेरिया और 6 जनपद कालाजार प्रभावित हैं। जबकि क्षय, कुष्ठ, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीज पूरे प्रदेश में मिल रहे हैं।
280187 मरीजों की हुई ओपीडी
15 दिसंबर 2022 को आयोजित निक्षय दिवस में कुल 280187 मरीजों की ओपीडी हुई। टीबी मामलों के 23096 सैंपल लिए गए। 17322 टीबी के टेस्ट किए गए। 700 लोगों में टीबी की पुष्टि हुई। 2401 लोग बलगम की जांच में निगेटिव निकले। वहीं 211 लोगों को टीबी की एक्सरे जांच करवाने की सलाह दी गई। 911 क्षय रोगियों की बलगम और एक्सरे जांच दोनों हुई। 695 मरीजों का इलाज शुरू हो गया।