अंबेडकरनगर। 01 नवंबर, 2025
प्रसिद्ध सूफी संत हज़रत मखदूम अशरफ की दरगाह किछौछा शरीफ में देवोत्थान एकादशी के अवसर पर आस्था और श्रद्धा का अनोखा संगम देखने को मिला। अगहन मेले के एकादशी पर्व पर बारिश व खराब मौसम पर श्रद्धालुओं की आस्था की गर्मी भारी पड़ गयी।
आजमगढ़, जौनपुर, सुलतानपुर, बस्ती, बहराइच, गाजीपुर, गोरखपुर समेत पूर्वांचल के विभिन्न ज़िलों से बड़ी संख्या में जायरीन दरगाह पर आए। सुबह से ही दरगाह परिसर जायरीनों की भीड़ से गुलज़ार रहा। महिलाएं, बच्चे और बुज़ुर्ग सबने अदब और अकीदत के साथ हज़रत मखदूम अशरफ की दरगाह में हाज़िरी दी। इस दौरान दरगाह के चारों ओर लगे फूलों के हार, अगरबत्ती की खुशबू ने माहौल को रूहानी बना दिया। बड़ी संख्या में जायरीनों ने पवित्र तालाब नीर शरीफ के जल से स्नान किया। देवोत्थान एकादशी के शुभ अवसर पर जहां हिन्दू श्रद्धालु अपने धार्मिक विश्वास के अनुसार भगवान विष्णु के जागरण का पर्व मनाते हैं, वहीं इसी दिन बड़ी तादाद में मुस्लिम अकीदतमंद भी दरगाह शरीफ में हाज़िरी देकर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए दुआ मांगते हैं। इस तरह दरगाह किछौछा में गंगा-जमुनी तहज़ीब की झलक साफ दिखाई दी। बसखारी थानाध्यक्ष सुनील कुमार पाण्डेय सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस बल के साथ तैनात रहे। पूर्वांचल के विभिन्न जिलों से आए जायरीनों ने कहा कि दरगाह मखदूम अशरफ वह पवित्र स्थान है जहां हर मज़हब, हर तबके के लोग एक साथ सिर झुकाते हैं। यही वजह है कि देवोत्थान एकादशी का यह पर्व यहाँ हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक बन चुका है।









































