अंबेडकरनगर। 25 अगस्त, 2024
किछौछा नगर पंचायत कार्यालय में बोर्ड की बैठक न करा कर चेयरमैन के निजी पार्टी कार्यालय पर बैठक कराने से तमाम किस्म के सवाल खड़े हो रहे हैं। अब प्रश्न यह है कि यह पहली बैठक होगी या भविष्य में इस प्रकार की बैठकों का सिलसिला जारी रहेगा।
कानून के जानकार बताते हैं कि नगर पंचायत कार्यालय के बाहर बोर्ड की बैठक हो सकती है लेकिन वह जगह/स्थान निजी न होकर सार्वजनिक होना चाहिए। विधि विशेषज्ञों का मानना है कि अगर बैठक का स्थान सार्वजनिक नहीं है तो ऐसे में किसी पार्टी कार्यालय में बोर्ड की बैठक में भाग लेने से मौजूदा ईओ को बचना चाहिए था। यदि ईओ बैठक में शामिल न होते तो उस स्थिति में बोर्ड की बैठक अवैधानिक व शून्य हो जाती परंतु ऐसा नहीं हुआ। खास बात यह है कि सभासद विनोद कुमार ने वार्ड नंबर 12 में चेयरमैन के पार्टी कार्यालय पर बैठक का आयोजन न हो, इसके लिए बाकायदा उन्होंने ईओ को संबोधित नगर पंचायत कार्यालय में एक शिकायती प्रार्थना पत्र भी दिया था। लेकिन ईओ ने उस शिकायती प्रार्थना पत्र को संज्ञान में नहीं लिया। कानून के जानकारों का कहना है कि यदि ईओ की इस गलती या कृत्य को शासन अथवा जिला प्रशासन संज्ञान में ले ले तो उस स्थिति में उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। किछौछा नगर पंचायत में कार्यरत रहे कई ईओ ने भी वर्तमान ईओ की कार्यशैली पर हैरानी जताई है।
दूसरी ओर, विधि विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि पार्टी कार्यालय में हुई बोर्ड की बैठक के दौरान जो भी निर्णय लिए गए हों अथवा प्रस्ताव पारित कराए गए हों। जांच के दौरान यदि कोई फाल्ट/अनियमितताएं मिलती हैं तो उस स्थिति में बैठक में प्रतिभाग करने वाले चेयरमैन और ईओ से लेकर मौजूद सभी सभासदगण ही उत्तरदायी होंगे। विधिक कार्रवाई का विकल्प भी खुला रहेगा। बहरहाल, किछौछा नगर पंचायत के अस्तित्व में आने के बाद पहली बार नगर पंचायत कार्यालय को छोड़ कर किसी सार्वजनिक स्थान के बजाए चेयरमैन के पार्टी कार्यालय पर बोर्ड की बैठक होने से कई प्रकार के विवादों को जन्म दे दिया है। बोर्ड की बैठक के निष्पक्षता और पारदर्शिता को लेकर सवाल उठने लगे हैं।