अंबेडकरनगर। 27 अगस्त, 2024
सूफी संत हजरत मखदूम अशरफ की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त किछौछा दरगाह में सोमवार देर शाम को मोहर्रम के चेहल्लुम की ऐतिहासिक बड़ी ताजिया को गमगीन माहौल में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। ताजिया दफन के जुलूस में देश भर के करीब एक लाख जायरीनों ने सहभागिता की।
रविवार रात करीब 9.30 बजे किछौछा दरगाह के आस्ताने से चेहल्लुम की मशहूर ताजिया निकाली गई। बहुत ही खूबसूरत यह ताजिया दरगाह पर चढ़ाई गई चादर से बनाई गई थी। ताजिए का जुलूस का काफिला रात करीब 12 बजे सलामी गेट के पास चौक पर पहुंचा। सोमवार सुबह 9 बजे मजार पहलवान शहीद विशाल परिसर में स्थित चौक पर दरगाह की ऐतिहासिक ताजिया लोगों के दर्शन के लिए रखी गई। यहीं पर पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, म. प्रदेश, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों व विभिन्न शहरों के करीब एक लाख अकीदतमंदों ने मनौती के तौर पर बीमारियों से स्वास्थ्य लाभ करने के उद्देश्य से ताजिया का दर्शन कर दुआएं मांगी। शाम करीब पौने सात बजे दरगाह के ताजिए के जुलूस में बसखारी कस्बे का ताजिया का जुलूस शामिल हुआ। इसके उपरांत ताजिए के जुलूस का काफिला दरगाह के लिए रवाना हुआ। रात करीब आठ बजे पवित्र तालाब के तट पर ऐतिहासिक बड़ी ताजिया समेत सभी ताजियों को सुपुर्दे खाक कर दिया गया। चेहल्लुम के समापन जुलूस में सज्जादानशीन व मुतवल्ली सै. मोहिउद्दीन अशरफ, मोहामिद अशरफ उर्फ शारिक मियां, पीरजादा सै. खलीक अशरफ, शेखू मियां, मास्टर कयामुद्दीन, ताजियादर एनाम हुसैन समेत अन्य लोग शामिल रहे। उधर, बसखारी थाना प्रभारी निरीक्षक संत कुमार सिंह मय पुलिस फोर्स के साथ जायरीनों की भीड़ को नियंत्रित करने में लगे रहे।