अंबेडकरनगर। 28 फरवरी, 2024
प्रसिद्ध सूफी संत हजरत मखदूम अशरफ की किछौछा दरगाह में मंगलवार को पूर्व सज्जादानशीन, पूर्व उपाध्यक्ष ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड व यूपी हज कमेटी के पूर्व सदस्य सै. शाह फखरूद्दीन अशरफ अशरफीउल जिलानी का पहला उर्स मनाया गया। इस मौके पर कुल फातिहा के माध्यम से उन्हें खेराजे अकीदत ( श्ऱद्धांजलि ) पेश किया गया।
सर्वप्रथम उनकी याद में दरगाह के आस्ताने पर एक विशेष जलसे का आयोजन हुआ। सज्जादानशीन व मुतवल्ली सै. शाह मोहिउद्दीन अशरफ की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम का संचालन संयुक्त रूप से मौलाना अब्दुल कयूम व शरीफुलहक सुब्हानी ने किया। जानशीन फखरुल मशायख मौलाना मोहामिद अशरफ ( शारिक मियां ) के कयादत में सरपरस्ती की जिम्मेदारी क्रमशः सै. बदीउद्दीन अशरफ, मेराज अशरफ एडवोकेट व मजहरुद्दीन अशरफ ने निभाई। कुरआन पाक की तिलावत से जलसा शुरू हुआ। मुख्य वक्ता जलालुद्दीन मिस्बाही समेत अन्य वक्ताओं ने मानवता, विश्व शांति व इंसानी हमदर्दी के लिए समर्पित सूफी संत हजरत मखदूम अशरफ के जीवन पर विस्तार से रोशनी डाला। इसके बाद पूर्व सज्जादानशीन फखरुद्दीन अशरफ के व्यक्तित्व पर चर्चा करते हुए वक्ताओं ने अपने संबोधन में कहा कि आज खानवाद-ए-अशरफिया में उनके मुकाबले कोई हस्ती नहीं रह गई है।
गौहर सुल्तानपुरी, शादाब रजा, हेलाल टांडवी, अली रजा फैजी समेत अन्य नातखाओं ने नबी की शान में नातिया कलाम व वली की शान में मनकबत पेश पर खूब वाहवाहियां लूटीं। जलसे के दौरान विशेष दुआएं हुईं। इसके उपरांत सूफी संत हजरत मखदूम अशरफ के मजार ( समाधि ) पर चादर चढ़ाई गई तथा साथ ही पूर्व सज्जादानशीन सै. फखरुद्दीन अशरफ के मजार पर गुलपोशी, संदलपोशी हुई व चादर चढ़ाई गई। विविध कार्यक्रमों में सै. वहाजुद्दीन अशरफ, सै. फैजान अहमद चांद, सै. अजीज अशरफ अध्यक्ष इंतेजामिया कमेटी, मौलाना सै. खलीक अशरफ, सै. मोहम्मद अशरफ, सूफी सै. सलाहुद्दीन अशरफ, मौलाना सै. वली अशरफ अच्छू मियां, सै. यहिया अशरफ, सै. जहाँगीर अशरफ (गुड्डू मियां), सै. हसनैन अशरफ, सै. नसीम अशरफ, मुजीब अहमद (सोनू), फरहान अशरफ, फहद अशरफ, शेखू, अरशद मियां, मास्टर कयामुद्दीन व जुमला खानवाद-ए-अशरफिया के मेम्बर मौजूद रहे।