अंबेडकरनगर। 29 फरवरी, 2024
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त किछौछा दरगाह में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के पूर्व वॉयस प्रेसीडेंट व पूर्व सज्जादानशीन सै. शाह फखरूद्दीन अशरफ अशरफीउल जिलानी की पहली बरसी ( पुण्यतिथि ) पर सभी वक्ताओं ने उनके व्यक्तित्व, मिलनसार छवि व रूहानी इल्म ( आध्यात्मिक ज्ञान ) पर विस्तृत चर्चा करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्य वक्ता मौलाना जलालुद्दीन मिस्बाही ने श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सज्जादानशीन सै. फखरुद्दीन अशरफ के अंदर बेहतरीन इल्मी और रूहानी मालूमात का जखीरा बहुत कम उम्र में ही जमा हो चुका था। तत्कालीन सज्जादानशीन सै. जफर अशरफ बाबू मियां के स्वर्गवास के बाद उन्होंने सज्जादानशीन पद की जिम्मेदारी बखूबी निभाई। सज्जादानशीन सै. फखरुद्दीन अशरफ अमीर-गरीब समेत समाज के सभी वर्गों के लोगों को समान नजरिए से देखा करते थे। उनकी रूहानी इल्म की काफी शोहरत हुई, इस कारण आम जनमानस में काफी प्रसिद्धि मिली। फखरूल मशायख ( फखर मियां ) मुल्क हिन्दुस्तान समेत विश्व के विभिन्न देशों में मखदूमी मिशन को आगे बढ़ाते रहे। सूफी परंपरा समेत अन्य विषयों पर उन्होंने एक दर्जन से अधिक किताबें लिखीं। अनेक खानकाहों, मदरसों व आधुनिक शिक्षा के लिए कई स्कूलों की स्थापना भी की।
सज्जादानशीन व मुतवल्ली सै. शाह मोहिउद्दीन अशरफ की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम का संचालन संयुक्त रूप से मौलाना अब्दुल कयूम व शरीफुलहक सुब्हानी ने किया। जानशीन फखरुल मशायख मौलाना मोहामिद अशरफ ( शारिक मियां ) के कयादत में सरपरस्ती की जिम्मेदारी क्रमशः सै. बदीउद्दीन अशरफ, मेराज अशरफ एडवोकेट व मजहरुद्दीन अशरफ ने निभाई।
विविध कार्यक्रमों में सै. वहाजुद्दीन अशरफ, सै. फैजान अहमद चांद, सै. अजीज अशरफ अध्यक्ष इंतेजामिया कमेटी, मौलाना सै. खलीक अशरफ, सै. मोहम्मद अशरफ, सूफी सै. सलाहुद्दीन अशरफ, मौलाना सै. वली अशरफ अच्छू मियां, सै. यहिया अशरफ, सै. जहाँगीर अशरफ (गुड्डू मियां), सै. हसनैन अशरफ, सै. नसीम अशरफ, मुजीब अहमद (सोनू), फरहान अशरफ, फहद अशरफ, शेखू, अरशद मियां, मास्टर कयामुद्दीन व जुमला खानवाद-ए-अशरफिया के मेम्बर मौजूद रहे।