अंबेडकरनगर। 18 अगस्त, 2023
नौशाद खां अशरफी/अभिषेक शर्मा राहुल
प्रसिद्ध सूफी संत हजरत मखदूम अशरफ के 637 वें सालाना उर्स के आखिरी दिन शुक्रवार ( 30 मोहर्रम ) को दाखौल कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमें मुख्य रूप से सज्जादानशीन व मुतवल्ली सै. मोहिउद्दीन अशरफ ने सहभागिता की। दाखौल के संपन्न होते ही वार्षिक उर्स का औपचारिक तौर पर समापन हो गया।
शुक्रवार शाम को दरगाह के आस्ताने पर उर्स में आए हुए देश भर के फोकराओं ( भिक्षु ) के लिए दाखौल कार्यक्रम का आयोजन हुआ। दाखौल के दौरान फोकराओं ने अपना दुखड़ा रोया और सहयोग करने के लिए फरियाद किए। इस पर सज्जादानशीन व मुतवल्ली सै. मोहिउद्दीन अशरफ ने फोकराओं को हर संभव सहयोग व मदद देने का भरोसा दिलाया। खास बात यह है कि प्रत्येक वर्ष उर्स में खिरकापोशी के दौरान फोकराओं की काफी अहम भूमिका होती है। दाखौल खत्म होने के बाद बसखारी थाना प्रभारी निरीक्षक जय प्रकाश सिंह की निगरानी में किछौछा दरगाह से भारी पुलिस बल के बीच सूफी संत हजरत मखदूम अशरफ का सैकड़ों वर्ष पुराना “खिरका मुबारक” बसखारी स्थित स्व. सज्जादानशीन सै. फखरुद्दीन अशरफ के आवास पर ले जाया गया। इसके बाद तबरर्रूक की कोठरी में सील करके रखा गया। इसके पूर्व आस्ताने पर संदलपोशी, गुलपोशी भी हुई। दाखौल समेत सभी कार्यक्रमों में मुख्य रूप से इंतेजामिया कमेटी के अध्यक्ष सै. अजीज अशरफ, उपाध्यक्ष जहांगीर अशरफ गुड्डू मियां, शेखू मियां, मिनहाज अशरफ, फोकराओं के मुखिया आलम शाह, गफूर शाह समेत अन्य लोग मौजूद रहे।