अंबेडकरनगर। 01 अगस्त, 2023
नौशाद खां अशरफी/अभिषेक शर्मा राहुल
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने धन की धोखाधड़ी व जान से मारने की धमकी देने के एक मामले में समुचित धारा न लगाने पर विवेचक की ओर प्रस्तुत आरोप पत्र को ठुकरा दिया है। पुलिस अधीक्षक को एक माह के अंदर किसी अन्य थाने के विवेचक से विवेचना कराने का निर्देश दिया है।
वादिनी तबस्सुम खातून ने 5 नवम्बर 2022 को बसखारी थाने में तहरीर देकर दुर्गेश कुमार गुप्ता जो आई विजन इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड में अभिकर्ता हैं। तबस्सुम खातून 5 सितंबर 2019 को दुर्गेश कुमार गुप्ता के कहने पर एक वर्ष के लिए आई विजन कंपनी में चार लाख रुपये का निवेश किया था। एक वर्ष पूरा होने के बाद जब तबस्सुम खातून ने एजेंट दुर्गेश कुमार गुप्ता से निवेश किए हुए धन को दिलाने के लिए कहा तो एजेंट दुर्गेश कुमार गुप्ता ने बताया कि कंपनी की ओर से उसे 55 लाख रुपए का जारी किया गया जैसे भुगतान हो जाएगा आपका धन मिल जाएगा। दुर्गेश कुमार गुप्ता ने सबूत के तौर पर 55 लाख रुपए के चेक को वादिनी के व्हाट्सएप पर भी भेजा परंतु उसने धन का भुगतान नहीं कराया। तबस्सुम खातून की तहरीर पर बसखारी थाना पुलिस ने आरोपी एजेंट व कम्पनी के खिलाफ मुअसं-327/2022 में धारा 406, 504 और 506 में अभियोग पंजीकृत किया था। तबस्सुम खातून को बाद में जब यह पता चला कि उनकी तहरीर के अनुसार मुकदमें में उचित धारा नही लगाई गई है। 10 नवंबर 2022 को पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देकर विवेचना पर असहमति जताई तो पुलिस अधीक्षक ने विवेचना क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दी। पीड़िता तबस्सुम का आरोप है कि बसखारी पुलिस के विवेचक व क्राइम ब्रांच के विवेचक ने दुरभिसंधि करके उनकी ओर से दी गयी तहरीर को अनदेखा करके उचित धारा नही लगायी गयी। पीड़िता तबस्सुम का बसखारी पुलिस और क्राइम ब्रांच के ऊपर से एक तरह से भरोसा उठ गया है। थक हार कर पीडिता तबस्सुम ने सीजेएम की अदालत में न्याय की गुहार लगाई है। न्यायालय ने विचारण के दौरान ये पाया कि वादिनी की तहरीर के कथनों के अनुसार उचित धारा नहीं लगाया गया है। अंत में कोर्ट ने एक माह के अंदर किसी अन्य थाने से पुनः निष्पक्ष विवेचना करने के लिए एसपी को निर्देश दिया है।
