अंबेडकरनगर। 17 जुलाई, 2024
सूफी संत हजरत मखदूम अशरफ की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त किछौछा दरगाह में बुधवार देर शाम को मोहर्रम की ऐतिहासिक व मशहूर ताजिया गमगीन माहौल में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। इसी के साथ ही 8 दिनों से जारी मोहर्रम के रात्रि जुलूस का समापन भी हो गया। मोहर्रम के ताजिया दफन व समापन जुलूस में देश भर के करीब सवा एक लाख जायरीनों ने सहभागिता की।
बुधवार दोपहर करीब 12 बजे मजार पहलवान शहीद विशाल परिसर में स्थित चौक पर दरगाह की ऐतिहासिक ताजिया लोगों के दर्शन के लिए रखी गई। यहीं पर पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, म. प्रदेश, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों व विभिन्न शहरों के करीब सवा एक लाख अकीदतमंदों ने मनौती के तौर पर बीमारियों से स्वास्थ्य लाभ करने के उद्देश्य से ताजिया का दर्शन कर दुआएं मांगी। जायरीनों में 70 प्रतिशत महिलाएं और 30 फीसदी ही पुरुष जायरीन शामिल रहे। शाम 7 बजे दरगाह के ताजिए के जुलूस में बसखारी कस्बे का ताजिया का जुलूस शामिल हुआ। किछौछा नगर समेत अन्य क्षेत्रों के छोटी-बड़ी ताजिए भी दरगाह के काफिले में शामिल रहीं। इंतेजामिया कमेटी अध्यक्ष सै. अजीज अशरफ के साथ सज्जादानशीन व मुतवल्ली सै. मोहिउद्दीन अशरफ, जानशीन फखरुल मशायख सै. मोहामिद अशरफ दरगाह की ऐतिहासिक ताजिया के पास पहुंच कर खास दुआएं मांगी। इसके बाद यहां से सभी ताजियों के उठने का क्रम शुरू हो गया। जुलूस का काफिला ऐतिहासिक सलामी गेट, मलंग गेट समेत विभिन्न क्षेत्रों से होकर अंत में दरगाह में पहुंचा। लगभग 650 वर्ष पुराने पवित्र तालाब नीर शरीफ के तट पर दरगाह की ऐतिहासिक ताजिया, बसखारी समेत अन्य क्षेत्रों की ताजियों को दफना दिया गया। डीएम अविनाश सिंह, एसपी डा. कौस्तूभ, एडीएम सदानंद गुप्ता, एएसपी विशाल पांडेय, एसडीएम समेत अन्य अहलकारों यहां कई घंटों तक कैंप किए रहे। जुलूस की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सीओ सिटी सुरेश कुमार मिश्र बसखारी थाना प्रभारी निरीक्षक संत कुमार सिंह समेत भारी पुलिस बल के साथ कड़ी मशक्कत करते हुए नजर आए। ताजिया दफन व जुलूस में मुख्य रूप से सै. खलीक अशरफ, सै. फैजान अहमद चांद मियां, शेखू मियां, दरगाह इंतेजामिया कमेटी के अध्यक्ष सै. अजीज अशरफ, इरफान शाह, यहिया अशरफ, फैजान खान, अंबर फैजी, आलम शाह पुत्र गनीदार शाह, दबीर शाह, गफूर शाह समेत अन्य लोग शामिल रहे।