अंबेडकरनगर। 07 मई, 2021
अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त किछौछा दरगाह की पीरजादगान इंतेजामिया कमेटी के प्रमुख सदस्यों में शुमार व खानवाद-ए-अशरफिया के अहम शख्सियत एडवोकेट सै. मसूदुल हसन अब इस दुनिया में नहीं रहे। शुक्रवार भोर में लखनऊ के अॅपोलो अस्पताल में उनका निधन हो गया। पिछले करीब 15 दिनों से वे बीमार चल रहे थे। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। वे करीब 60 वर्ष के थे। शुक्रवार अलविदा जुमा के दिन दोपहर में किछौछा दरगाह में उन्हें सुुपुर्द-ए-खाक किया गया।
निधन के बाद लखनऊ से उनका शव शुक्रवार सुबह करीब 10.30 बजे लाया गया व किछौछा दरगाह के एक खानकाह में रखा गया। बसखारी के रहने वाले एडवोकेट सै. मसूदुल हसन जनपद न्यायालय में वकालत का काम करते थे। वे बैंक आॅफ बड़ौदा शाखा बसखारी के सलाहकार भी थे। दिवंगत अधिवक्ता सै. मसूदुल हसन की जनाजे की नमाज मौलाना व प्रख्यात वक्ता सै. जामी अशरफ ने पढ़ाई। कोरोना महामारी के मद्देनजर गाइड लाइन का कड़ाई से पालन करते हुए बेहद सादगी में उनका अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार में ज्यादा भीड़ न जुटे इसका खास ख्याल रखा गया। एडवोकेट सै. मसूदुल हसन के अंतिम संस्कार में सज्जादानशीन सै. मोइनुद्दीन अशरफ अशरफीउल जिलानी, मौलाना अनीस, जावेद अशरफ, सै. फैजान अहमद चांद, खलीक अशरफ, मौलाना वली अशरफ अच्छू मियां, सपा जिला उपाध्यक्ष फिरोज अहमद सिद्दीकी, अजीज अशरफ, सै. यहिया अशरफ, सै. शफीक, चेयरमैन प्रतिनिधि गौस अशरफ, मोहम्मद अशरफ मुन्ना मियां, आले मुस्तफा छोटे बाबू, मोहम्मद अशरफ बड़े बाबू, शादाब हैदर, मिनहाज, प्रधान मो. आसिफ खान, लतीफ अंसारी समेत अन्य लोग मौजूद रहे।