अंबेडकरनगर। 30 जुलाई, 2025
प्रसिद्ध सूफी संत हजरत मखदूम अशरफ की किछौछा दरगाह पर रविवार रात से मोहर्रम का ऐतिहासिक जुलूस शुरू हो गया है। आठ दिनों तक चलने वाला मोहर्रम का यह रात्रि जुलूस रविवार से शुरू होकर छह जुलाई अर्थात् 10 मोहर्रम तक जारी रहेगा। उधर, 10 मोहर्रम को समापन जुलूस में देश के विभिन्न राज्यों व शहरों व प्रदेश के कई जनपदो से जायरीनों/तीर्थयात्रियों के आने का क्रम लगातार जारी है।
परंपरा और रस्म के मुताबिक हर रोज रात में करीब 9.30 बजे से दरगाह के आस्ताने से 3 व 4 मोहर्रम का चौकी का जुलूस रवाना हुआ। जुलूस का यह काफिला आस्ताने से ऐतिहासिक मलंग गेट, गौसिया मस्जिद मार्ग होते हुए अंत में प्राचीन सलामी गेट के पास चौक पर पहुंचा। जुलूस के आगे-आगे अकीदतमंद हाथों में अलम, निशान व झंडा लिए हुए चल रहे थे। इसके पीछे फूलों के सेहरा से सजा हुआ मोहर्रम की चौकी कांधे पर लिए हुए अकीदतमंद चल रहे थे। खास बात यह है कि जुलूस में पुरुष जायरीनों की अपेक्षा महिला जायरीनों की संख्या काफी अधिक थी। मोहर्रम की चौकी का दर्शन कर लोगों को दुआएं मांगते हुए देखा गया।
बसखारी थाना प्रभारी निरीक्षक संत कुमार सिंह हर रोज मोहर्रम के रात्रि जुलूस में मय पुलिस फोर्स के साथ देश भर से आए हुए जायरीनों की भीड़ को नियंत्रित करने में कड़ी मशक्कत करते हुए नजर आ रहे हैं। चूंकि वर्ष 2024 में आयोजित हुए 8 दिवसीय मोहर्रम का मेला और इसके बाद सूफी संत हजरत मखदूम अशरफ का 638 वां वार्षिक उर्स मेला सकुशल संपन्न कराने में वर्तमान बसखारी थाना प्रभारी निरीक्षक का पुराना अनुभव है, इसलिए वर्ष 2025 के इन कार्यक्रमों में उनका अनुभव/तजुर्बा भी काम आ रहा है।
