अंबेडकरनगर। 29 दिसंबर, 2024
विपक्षियों ने एक राय होकर पीड़ित व्यक्ति व कुछ अन्य लोगों को मारपीट कर घायल कर दिया। मौके से टिन शेड व सामानों को विपक्षी लूट ले गए। पीड़ित व्यक्ति ने तत्काल डायल 112 पुलिस टीम को सूचना दी। इसके उपरांत पीड़ित व्यक्ति आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए थाने का चक्कर लगाता रहा। लेकिन स्थिति ढाक के तीन पात जैसी बनी रही। आखिरकार मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत के निर्देश पर पुलिस ने चार आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की कई संज्ञेय धाराओं में केस भी दर्ज किया। लेकिन इस केस के विवेचक हल्का एसआई ने लूट की धारा को हटा कर सीओ सिटी के पास चार्जशीट भेज दी। जिससे आरोपियों के हौसले बुलंद हैं तो वहीं पीड़ित व्यक्ति काफी सकते में आ गया है।
जी, हां। यह मामला है अकबरपुर कोतवाली पुलिस का।
कोतवाली टांडा के मोहिउद्दीनपुर निवासी दयाराम पुत्र स्व. रामआसरे की कोतवाली अकबरपुर क्षेत्र के ग्राम बरियावन में गाटा संख्या 464 की जमीन है। 23 सितंबर 2024 को समय पूर्वाहन् 11 बजे दयाराम अपनी जमीन पर मजदूरों की मदद से टिन शेड लगवा रहे थे। इसी दौरान विशाल व प्रदीप पुत्रगण कमला प्रसाद निवासी असौवापार, युवराज पुत्र प्रदीप व प्रत्यूष पुत्र राधा कृष्ण निवासीगण असौवापार थाना सम्मनपुर ने एक राय व गोलबंद होकर दयाराम को और काम कर रहे मजदूरों को मारने लगे। विपक्षियों के द्वारा पिटाई में दयाराम का आधा दांत भी टूट गया व कुछ अन्य लोग भी चोटहिल हुए। इस अप्रत्याशित घटना की सूचना तत्काल डायल 112 पुलिस को दी गई। पीड़ित दयाराम कोतवाली अकबरपुर का चक्कर लगाते रहे लेकिन विपक्षियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया गया।
अंततः थक हार कर पीड़ित दयाराम सीजेएम कोर्ट की शरण में गए और कोर्ट के निर्देश पर मजबूरन कोतवाली अकबरपुर ने उपरोक्त चार आरोपियों के खिलाफ 115 ( 2 ), 352, 351( 3 ), 324 ( 4 ),117 ( 2 ), 309 ( 6 ) समेत बीएनएस की कई संज्ञेय धाराओं में केस दर्ज किया। सबसे चौकाऊं तथ्य यह है कि पीड़ित दयाराम ने इस केस के विवेचक को साक्ष्य/सबूत के तौर पर लूट के सामान की निशानदेही के तौर पर वीडियो क्लीप का एक पेन ड्राइव भी दिया। लेकिन इसके बावजूद विवेचक ने लूट की धारा हटा कर चार्जशिट सीओ सिटी के पास भेज दी।
अब पीड़ित दयाराम ने पुलिस अधीक्षक, पुलिस महानिरीक्षक परिक्षेत्र अयोध्या, अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था/कार्मिक व पुलिस महानिदेशक उप्र समेत अन्य अहलकारों के पास शिकायती प्रार्थना पत्र भेजा है। भेजे गए पत्र में यह मांग की गई है कि उपरोक्त मुकदमे में दर्ज एफआईआर के अनुसार साक्ष्य वीडियो क्लीप लूट के सामान की निशानदेही का अवलोकन/परीक्षण करके पुनः फर्दर निष्पक्ष विवेचना करायी जाए। भेजे गए आरोप पत्र को वापस किया जाए। लूट के सामान की बरामदगी करायी जाए। पुलिस महकमे के उच्चाधिकारियों को भेजे गए पत्र में पीड़ित ने यह भी अवगत कराया है कि इस केस के विवेचक ने फोन पर उसे बताया कि उनके ऊपर बहुत दबाव है।