लखनऊ। 18 नवम्बर, 2022
सिफ्सा कांफ्रेंस हॉल में उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी की तरफ से एड्स के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए 13 विभागों के साथ समन्वय स्थापित करने के उद्देश्य से जॉइंट वर्किंग ग्रुप मीटिंग हुयी। इस मीटिंग की अध्यक्षता अपर परियोजना निदेशक डॉ. हीरा लाल ने की । इस मीटिंग का उद्देश्य सभी विभागों के साथ जुड़कर एचआईवी/एड्स के जुड़ी जानकारी को जन मानस तक कैसे पहुँचाया जाये व एचआईवी/एड्स पॉजिटिव लोगों को मुख्य धारा से कैसे जोड़ा जाये इस पर चर्चा की गयी।
डॉ. हीरा लाल ने बताया कि एचआईवी/एड्स के मामले में हमें बचाव पर ज्यादा ध्यान देना होगा । वे बताते है कि एचआईवी को लेकर लोगों में भ्रान्ति है कि यह सिर्फ शारीरिक सम्बन्ध बनाने से ही होता है बल्कि इसके अन्य कारण भी है यह संक्रमित इंजेक्शन से व बिना जांच किये हुए खून ग्रहण करने से भी होता है। उन्होंने सभी विभागों से अपने- अपने विभागों में एचआईवी/एड्स जागरूकता से जुड़ी मीटिंग करने के लिए कहा साथ ही अपनी तरफ से हर संभव सहयोग देने के लिए कहा। साथ ही उन्होंने सभी विभागों के उनके विभागीय वेब पोर्टल्स पर एचआईवी टोल फ्री नंबर 1097 को ज्यादा से ज्यादा प्रसारित करने व हर विभाग से निकलने वाली वार्षिक मैगज़ीन में भी एचआईवी से जुड़े संदेशों को जोड़ने की अपील की।
मीटिंग में उपस्थित सभी विभागों ने जागरूकता लाने के उद्देश्य से कई तरह के सुझाव रखे जिसमें उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) विभाग के प्रतिनिधि ने बताया कि एचआईवी के सबसे बड़े वाहन चालक होते है ऐसे में टोल प्लाजा पर हम एचआईवी से जुड़े पम्प्लेट्स उन्हें दे सकते है साथ ही जहाँ गाड़ियाँ देर तक रूकती है वहां होर्डिंग लगवाई जा सकती है और साथ ही सेफ्टी स्टाफ को इस पर ट्रेनिंग दी जा सकती है। दूरसंचार विभाग के प्रतिनिधि का कहना था कि गाँव में भी एचआईवी पर जानकारी पहुँचाना बहुत जरूरी है इसके लिए सर्विस प्रोवाइडर्स जब गाँव में कैंप लगाए तो वे जानकारी आगे बढ़ा सकते है।
गृह विभाग की प्रतिनिधि ने सुझाव दिया कि 1090 वेब पोर्टल पर एचआईवी से जुड़े संदेशों को जोड़ा जा सकता है व महिला हेल्प डेस्क पर एचआईवी से जुड़े पम्फेल्ट्स रखे जा सकते है ताकि वहां आने वाली महिलाएं उनसे जानकारी ले सके द्य तहसील दिवस व थाना दिवस के मौके पर भी काफी लोग इकट्टा होते है ऐसे में काफी लोगों को जागरूक किया जा सकता है।
वही परिवहन विभाग के प्रतिनिधि ने सुझाव दिया कि चालकों को एचआईवी पर ट्रेनिंग की ज्यादा जरूरत है इसके लिए हमारे कानपुर ट्रेनिंग सेंटर में चालकों को प्रशिक्षित किया जा सकता है। ग्राम्य विकास विभाग के प्रतिनिधि ने आग्रह किया कि मनरेगा के वो मजदूर जो एचआईवी से पीड़ित है उन्हें हल्के काम करवाए जायें द्य साथ ही आजीविका मिशन से जुड़े हुए कई कार्यक्रम चल रहे है जिसमें ट्रेनिंग के जरिये जागरूकता लाई सकती है तथा स्वास्थ्य सखी जोकि समूह स्तर पर काम करती है उनके जरिए जानकारी जमीनी स्तर तक पहुंचा सकते है द्य खेल व युवा कल्याण विभाग के प्रतिनिधि ने सुझाव दिया कि स्टेडियम में प्रचार-प्रसार किया जा सकता है व खेल से जुड़े युवा आइकॉन के जरिये अपनी बात लोगों तक पंहुचा सकते है। इस मीटिंग में उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण विभाग , गृह विभाग, खेल व युवा विभाग, परिवहन विभाग, सूचना एवं प्रौद्यगिकी विभाग सहित कुल 13 विभाग जुड़े। साथ ही राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) से कंसलटेंट अजय सिंह, उ. प्र राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी से संयुक्त निदेशक आईईसी रमेश चन्द्र श्रीवास्तव, सहायक निदेशक आईईसी अनुज श्रीवास्तव व जीपा से सहायक निदेशक प्रभजोत कौर मौजूद रही।