अंबेडकरनगर। 13 मई, 2021
किछौछा नगर पंचायत क्षेत्र के अजीम हस्ती मौलाना सरवर अली अब इस दुनिया में नहीं रहे। कोरोना बीमारी की चपेट में आने से गुरुवार भोर में उनकी मौत हो गई। वे 58 वर्ष के थे। उनकी मौत से बसखारी, डोड़ों, भिदूण, पूराबजगौती, किछौछा दरगाह, किछौछा नगर, निजामुद्दीननगर समेत आसपास के दर्जनों गांवों के लोग बेहद सदमे और रंजोगम में डूबे हुए हैं। गुरुवार दोपहर बाद किछौछा के स्थानीय कब्रिस्तान परिसर में उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में टांडा के मतदान स्थल चिंतौरा में मतदान दल संख्या 1744 के मौलाना सरवर अली मतदान अधिकारीध् पीठासीन अधिकारी थे। 29 अप्रैल को मतदान ड्यूटी के दौरान ही वे कोविड-19 की चपेट में आए। बसखारी के एक निजी अस्पताल में वे आॅक्सीजन पर थे। बाद में उन्हें वेंटिलेटर बेड की जरूरत पड़ी। जिले में कहीं उपलब्ध न होने पर उनकी मौत हो गई।
मौलाना सरवर अली बसखारी स्थित मदरसा महबूबे यजदानी के प्रधानाचार्य और करीब 15 वर्षों तक किछौछा-निजामुद्दीनपुर में स्थित मदरसा निजामिया अरबिया के प्रबंधक भी रहे। किछौछा दरगाह के हुजूर मखदूम सानी के दिवंगत सज्जादानशीन कुमैल अशरफ के बेहद करीबी व उनके मदरसे के प्रधानाचार्य होने के नाते जिले भर के मदरसा जैसे शिक्षण संस्थानों में उनकी काफी शोहरत थी। वे काफी मिलनसार और गरीब परवर इंसान थे। सभासद दस्तगीर अहमद की अगुआई वाली एक कमेटी के वे सरपरस्त भी थे। गरीब लड़कियों की शादी से लेकर अन्य सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़कर वे हिस्सा लिया करते थे। क्षेत्र में इस बात की काफी चर्चा है कि पंचायत चुनाव में प्रतिभाग न करने जाते तो शायद वे जिंदा होते। मौलाना सरवर अली के अंतिम संस्कार में सै. खलीक अशरफ, मुफ्ती इलियास साहब, मोहम्मद अशरफ मुन्ना मियां, एडवोकेट अब्दुल रसीद, दस्तगीर अहमद, फैजान खां समेत अन्य लोग मुख्य रूप से मौजूद रहे।