अंबेडकरनगर। 12 मई, 2021 ( नौशाद खां अशरफी )
जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बसखारी के दो ऐसे मेडिकल आॅफिसर हैं, जो कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा करते हुए खुद भी चपेट में आकर कोरोना पाॅजिटिव हो गए। अस्पताल में भर्ती हुए व आइसोलेशन में रहे और आखिरकार कोरोना से जंग जीत कर पुनः कोरोना मरीजों की सेवा में लगे हुए हैं। कोरोना के इन दोनों फ्रंटलाइन वाॅरियर्स के जज्बे को बसखारी ब्लाक के विभिन्न ग्राम पंचायतों के कोरोना पीड़ित मरीज से लेकर आम जनता भी सलाम कर रही हैं।
जी हां! सीएचसी बसखारी के एक मेकिल आॅफिसर हैं डा. मोहम्मद जियाउद्दीन और दूसरे चिकित्साधिकारी हैं डा. आमिर अब्बास। यह दोनों मेडिकल आॅफिसर वर्ष 2020 में कोरोना की पहली लहर में मरीजोंध्लोगों की आरटीपीसीआर टेस्ट और रैपिड एंटिजन टेस्ट करने व उपचार करने के दौरान कोरोना पाॅजिटिव हो गए थे। कोरोना के नोडल अधिकारी रहे डा. मोहम्मद जियाउद्दीन राजकीय मेडिकल कालेज सद्दरपुर में एलटू विंगध्वार्ड में 14 दिनों तक एडमिट भी रहे और डा. अब्बास 14 दिनों तक होम आइसोलेशन में रहे। खास बात यह है कि डा. जियाउद्दीन को शुगर और बीपी दोनों है। ऐसे में उनके शरीर के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता की काफी कमी भी है। लेकिन बावजूद इसके कोरोना से जंग जीतने के बाद वे और डा. अब्बास 2020 से ही कोरोना के सच्चे वारियर के रूप में लगातार अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
कोरोना की दूसरी लहर में यानी मौजूदा समय में यह दोनों मेडिकल आॅफिसर रैपिड रेस्पांस टीम के सक्रिय सदस्य हैं। सीएचसी बसखारी से और कोविड के जिला कंट्रोल रूम से बसखारी ब्लाक क्षेत्र के कोरोना मरीजों की सूचना मिलते ही यह दोनों मेडिकल आॅफिसर एंबुलेंस से उनके चिकित्सकीय उपचार, आइसोलेशन और टांडा व सद्दरपुर के एलटू स्तर के अस्पतालों में भर्ती कराते हैं। इतना ही नहीं, बसखारी ब्लाक के 69 ग्राम पंचायतों में बनी कोविड निगरानी समितियों को और ज्यादा एक्टिव करने व ग्रामीणों को कोरोना के खतरों से जागरूक करने में भी यह दोनों महत्पूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।