अंबेडकरनगर। 15 दिसंबर, 2024
एसबी नेशनल इंटर कालेज बसखारी में उर्दू साहित्य हिंदी अदब सोसाइटी की पहल पर शनिवार रात को सै. फैजान अहमद चांद के संयोजकत्व में “ एक शाम राष्ट्रीय एकता एवं आपसी सौहार्द के नाम ” ऑल इंडिया कवि सम्मेलन एवं मुशायरे के आयोजन हुआ। डा. हरिओम ( वरिष्ठ आईएएस ) की अध्यक्षता में हुए वाले मुशायरे का संचालन हेलाल बदायूंनी ने किया। मुशायरे में देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए नामचीन शायरों, कवियों, गजलकारों ने अपनी शायरी, कविता, गीत, व गजल के माध्यम से देश की गंगा जमुनी तहजीब की डोर को मजबूत करते हुए राष्ट्रीय एकता, भाईचारा व धर्मनिरपेक्षता का संदेश दिया।
मुख्य अतिथि सै. सलाहुद्दीन किछौछवी ( यूएई में दुबई के मुशायरा आयोजक ), अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ आईएएस डा. हरिओम व डीजी ट्रेनिंग ( यूपी पुलिस ) बीडी पॉल्सन समेत अन्य अतिथियों ने द्वीप प्रज्जवलित कर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन व मुशायरे का शुभारंभ किया। मुख्य अतिथि सै. सलाहुद्दीन किछौछवी ने संबोधित करते हुए कहा कि भारत के बाहर विदेशों में एंबेसी और काउंसलेट के प्रायः बंद कमरों में ही गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम आयोजित होते रहे हैं। लेकिन स्वयं उनकी अगुआई में पिछले कई वर्षों से यूएई में खुले मंच ( कवि सम्मेलन व मुशायरा ) के माध्यम से ही गणतंत्र दिवस समारोह की खुशियां मनायी जा रही हैं। जो एक रिकार्ड है।
वरिष्ठ आईएएस डा. हरिओम ने कहा कि जब आप किसानों से अवाम से, जतना से जब मिलेंगे, जमीनी हकीकत से रूबरू होंगे तो उर्दू इतनी प्यारी और मीठी जबान है कि आप खुद ही सीख जाएंगे। विधायक टांडा राममूर्ति वर्मा ने अपने संबोधन में देश की राष्ट्रीय एकता व अखडता को मजबूत बनाने के लिए बल दिया। फाउंडर व प्रबंधक अदब शाला अनवर जलालपुरी डा. हसन सईद ने कहा कि यह एक मुशायरा है कि हिन्दू-मुस्लिम समेत विभिन्न धर्मों के लोग एक शामियाने में सहभागिता करके इस कार्यक्रम को और तारीखी व यादगार बना रहे हैं। शादाब मियां ने भी अपने विचार रखे।
इंटरनेशनल शायर अज्म शाकिरी एटा के आमदे मुस्तफा पर से सारा जहां आज, खुशियों में किस दरजा मसरूर है रात महकी हुई, चांद हंसता हुआ जिस तरफ देखिए नूर ही नूर है के नातिया कलाम से मुशायरे की शुरुआत हुई। युवा शायर अफरोज रोशन किछौछवी के अशआर ( पंतियां ) “ ख्यालो फिक्र से ऊंची उड़ान रखता हूं, मै. अपने सीने में हिन्दुस्तान रखता हूं ” को बहुत शाबाशी मिली। रूबीना अयाज लखनऊ ने जैसे ही पढ़ा कि आतिश की आबरू हूं मैं, गालिब की शान हूं मै, मुझसे अदब से मिलिए उर्दू की जान हूं मैं, उपस्थित लोगों ने खूब सराहा। प्रतिभा यादव की इन पंक्तियों हर मौज मचलती है जिस नाज से पानी में, जजबात मचलते हैं उस तरह जवानी में, लोग शोर मचाने लगे। बेलाल सहारनपुरी ने देश के वर्तमान हालत पर अशआर पेश किया कि वक्त ऐसा कि बगावत नहीं कर सकते, तौहीने अदालत नहीं कर सकते। हिमांशी बावरा मेरठ ने एक खास शैली में अपना कलाम पढ़ कर खूब वाहवाहियां लूंटी। वहीं तरन्नुम में शहर अंजुम बाराबंकवी ने गजब की शायरी पेश की। वहीं, हास्य कवि गुफरान चुलबुल ने लोगों को खुब हंसाया। ठीक इसी तरह नदीम शाद सहारनपुरी, मोहन मुंतजिर नैनीताल, दानिश गजल मेरठ, परवेज कौसर, नौशाद अनगढ़, शोहराब जहाँगीरगंजवी, अली बाराबंकवी, सलमान घोसवी समेत देश के विभिन्न क्षेत्रों के शायर, कवि व गजलाकरों ने भोर चार बजे तक अखिल भारतीय कवि सम्मेलन व मुशायरे में अपनी कविताओं ओर शायरी के माध्यम से गजब का समां बांधा।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से वरिष्ठ सपा नेता एबाद अहमद, एसपी जिलाध्यक्ष जंग बहादुर यादव, पूर्व विधायक पुत्र मुसाब अजीम, किछौछा चेयरमैन ओंकार गुप्ता, ब्लाक प्रमुख बसखारी संजय सिंह, पूर्व जिपं सदस्य राजमन भारती, तारिक जमाल सिद्दीकी, जिला बार एसो. के अध्यक्ष केडी मिश्रा, महामंत्री विशाल सिंह, प्रधानाचार्य शकील अहमद खां, मास्टर नईम बेग समेत अन्य लोग मौजूद रहे। मुशायरे के सफल आयोजन में डा. शोएब अख्तर, अजय पांडेय, मेराज अहमद, सभासद दस्तगीर अहमद, फैजान खान, सईद अहमद, सै. खलीक अशरफ, डा. एचयू खान, लल्लू खादिम, राहुल गौढ़, सत्यम सिंघल, मो. जाकिर, जोहेब खान, मे समेत अन्य सदस्यगण का उल्लेखनीय योगदान रहा।