अंबेडकरनगर। 30 अप्रैल, 2021/ नौशाद खां अशरफी
पूर्व कैबिनेट मंत्री अहमद हसन के बेहद करीबी रहे हाजी अजीमुलहक पहलवान
बसखारी ब्लाक के 69 ग्राम पंचायतों में भले ही प्रधानी के लिए वोट डाले गए हों लेकिन भूलेपुर ग्राम पंचायत की प्रधानी सीट काफी सुर्खियों व चर्चाओं में है। सूबे के पूर्व कैबिनेट मंत्री व विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अहमद हुसैन के बेहद करीबी पूर्व विधायक टांडा स्व. हाजी अजीमुलहक पहलवान की पत्नी मोनिशा खातून इस बार भी चुनावी मैदान में होने के नाते भूलेपुर की प्रधानी सीट को काफी वीआईपी भी माना जा रहा है।
2012 में टांडा से विधायक निर्वाचित हुए विधायक स्व. हाजी अजीमुलहक पहलवान वर्ष 1995 में पहली बार व 2000 में दूसरी बार भूलेपुर ग्राम पंचायत से ही ग्राम प्रधान निर्वाचित हुए थे। वर्ष 2005 में उनकी पत्नी मोनिशा खातून ने पहली बार इस सीट पर प्रधानी का परचम फहराया। वर्ष 2010 में दूसरी बार व 2015 में तीसरी बार भूलेपुर से प्रधानी की सीट पर जीत का झंडा फहरा कर मोनिशा खातून ने हैट्रिक जमाया। 2015 में विधायक स्व. हाजी अजीमुलहक पहलवान की पत्नी मोनिशा खातून ने अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी को 2733 वोटों के भारी अंतर से हराया था, जो एक रेकार्ड है। कुल पांच बार अर्थात् 25 वर्षों तक यहां की प्रधानी सीट पूर्व विधायक पहलवान व उनकी पत्नी के हाथों में ही रही। भूलेपुर की प्रधानी सीट इस बार यानी 2021 में भूलेपुर की प्रधानी सीट पिछड़ा वर्ग महिला के लिए ही आरक्षित है। पूर्व विधायक पहलवान की पत्नी मोनिशा के खिलाफ आशियाा खातून, रजिया खातून, आसिफा मरयम व खुर्शीदा खातून समेत चार महिला प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। वर्ष 2020 में बीमारी के कारण पूर्व विधायक पहलवान का निधन हो गया था। उनके निधन के कारण मोनिशा खातून को आम मतदाताओं के तरफ से सहानुभति भी मिलती दिख रही है। उधर, पूर्व विधायक पहलवान के पुत्र मुसाब अजीम का दावा है कि राजनीतिक विरासत में मिली इस सीट पर उनकी मां जीत का झंडा फहराएंगी। पूर्व मुख्यमंत्री व सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी भूलेपुर का राजनीतिक कारणों से पूर्व में दौरा कर चुके हैं। उस लिहाज से भी भूलेपुर की प्रधानी सीट को काफी अहम माना जा रहा है।