अंबेडकरनगर। 03 अगस्त, 2025
सूफी संत हजरत मखदूम अशरफ के सालाना उर्स पर किछौछा दरगाह के आस्ताने पर आयोजित होने वाले रस्मे खिरकापोशी, रस्मे गागर समेत अन्य कार्यक्रम ही वास्तविक व असली है। इसके अलावा यदि किसी गेस्ट हाउस, मकान या खानकाह में कार्यक्रम का आयोजन होता है, दरअसल वह उनका निजी कार्यक्रम माना जाएगा।
यह कहना है खानवाद-ए-अशरफिया के मेंबर बसखारी निवासी सै. नफीस अशरफ अशरफीउल जिलानी “नफीसे मिल्लत” का। उन्होंने बल देकर कहा कि प्रत्येक वर्ष सूफी संत हजरत मखदूम अशरफ के वार्षिक उर्स में आस्ताने पर 25 मोहर्रम को सज्जादानशीन सै. मोइनुद्दीन अशरफ “मोइन मियां”, 26 मोहर्रम को सज्जादानशीन सै. हसीन अशरफ, 27 व 28 मोहर्रम को सज्जादानशीन सै. मोहिउद्दीन अशरफ खिरकापोशी, रस्मे गागर समेत अन्य कार्यक्रमों में रसूमात की अदायगी करते चले आ रहे हैं। यह सभी कार्यक्रम दरगाह के आस्ताने पर ही आयोजित होते हैं। नफीसे मिल्लत ने कहा कि यदि किसी खाकनाह, गेस्ट हाउस में सूफी संत हजरत मखदूम अशरफ के आस्ताने का बैनर, होर्डिंग या कट आउट लगा कर प्रोग्राम का प्रसारण सोशल मीडिया पर करने से उसे आस्ताने का असल प्रोग्राम नहीं माना जाएगा। उन्होंने कहा कि जायरीनों को गुमराह न किया जाए। उन्होंने अपील की है कि ऐसा से करने से लोगों को बचना चाहिए। यदि नहीं माने तो ऐसे लोगों को लीगल नोटिस दी जाएगी।










































