अंबेडकरनगर। 19 मई, 2025
उप्र सरकार राजकीय अस्पतालों में आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें, इसके लिए कवायद कर रही है। वहीं, दूसरी ओर जिले के सीएचसी बसखारी में गर्भवती महिलाओं को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। जिसके कारण इस सीएचसी में हाल के महीनों में प्रसव ( डिलीवरी ) की संख्या में काफी गिरावट आयी है। निकट भविष्य में क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं की समस्याओं के जल्द दूर होने के आसार नहीं दिख रहे हैं।
खास बात यह है कि पूर्व में सीएचसी अधीक्षक डा. कृष्णचंद कुमार यादव व डा. मारकण्डेय प्रसाद के कार्यकाल के दौरान प्रत्येक माह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बसखारी में प्रत्येक माह रेकार्ड संख्या में गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी होती थी। क्षेत्र की गर्भवती महिलाएं सीएचसी बसखारी को छोड़ कर प्रसव के लिए बाहर के अस्पतालों का रुख नहीं करती थीं।
बताया जाता है कि पिछले करीब 7/8 महीनों से सीएचसी अधीक्षक डा. भास्कर सूर्या की यहां तैनाती है। डा. भास्कर सूर्या के कार्यकाल के दौरान इन दिनों सीएचसी बसखारी में प्रसव की संख्या में काफी गिरावट आयी है। सीएचसी बसखारी में जिला अस्पताल के बराबर लगभग 18 स्टाफ नर्स की तैनाती भी है। कई स्त्री रोग विशेषज्ञ की तैनाती भी है। इसके बावजूद डिलीवरी बहुत कम हो रही है।
चौकांऊ तथ्य यह भी है कि प्रसव कक्ष में लिखापढ़ी में अलग-अलग दिवसों में अलग-अलग स्टार्फ नर्स की तैनाती है। लेकिन धरातल में मामला कुछ और ही है। इन दिनों एक ही स्टाफ नर्स की हफ्ते के 7 दिनों ड्यूटी लगी रहती है। क्षेत्र की कई गर्भवती महिलाओं ने बताया कि डिलीवरी के लिए वे सीएचसी बसखारी में जाती हैं। लेकिन स्टाफ नर्स के द्वारा सुविधा शुल्क के रूप में 3000 से लेकर 5000 रुपए की मांग की जाती है। यह डिमांड पूरी न होने पर उन्हें स्टाफ नर्स द्वारा यह बताया जाता है कि आपके कोख के बच्चे के दिमाग में काफी सूजन हो गया है, मामला काफी सीरियस है। यहां डिलीवरी कराना ठीक नहीं है। वरना जच्चा और बच्चे की जान चली जाएगी।
लगभग ऐसी ही कहानी सीएचसी बसखारी में आने वाली प्रसव की महिलाओं के साथ बनायी जा रही है। आज सूरते हाल यह है कि बसखारी ब्लाक के दर्जनों गांवों और किछौछा नगर पंचायत के कई वार्डों की गर्भवती महिलाएं सीएचसी बसखारी के बजाए जिला अस्पताल, सद्दरपुर मेडिकल कालेज और प्राइवेट अस्पतालों समेत अन्य अस्पतालों की ओर रुख कर रही हैं। यह काफी चिंता का विषय है। बसखारी ब्लाक के कई गांवों के ग्राम प्रधानों और इलाकाई संभं्रात लोगों ने शासन-प्रशासन से सीएचसी बसखारी में गर्भवती महिलाओं की हो रही कथित उत्पीड़न को रोकने और जिम्मेदार कर्मचारी/स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
