अंबेडकरनगर। 23 अगस्त, 2024
किछौछा नगर पंचायत की बोर्ड की बैठक नगर पंचायत कार्यालय में न करा कर चेयरमैन के पार्टी कार्यालय पर कराने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सभासद विनोद कुमार ने अधिशासी अधिकारी को नगर पालिका अधिनियम 1916 का हवाला देते हुए लिखित शिकायती प्रार्थना पत्र देकर नगर पंचायत कार्यालय के बाहर उक्त स्थान पर बैठक न कराने की मांग की थी। लेकिन उनकी इस मांग को अनसुना कर दिया गया।
शुक्रवार 23 अगस्त 2024 को किछौछा नगर पंचायत की बोर्ड की बैठक चेयरमैन ओंकार गुप्ता के किछौछा दरगाह की नई बस्ती में निजी भूमि पर स्थित पार्टी कार्यालय पर हुई। खास बात यह है कि इस बैठक में कुछ सभासदों के अलावा नगर पंचायत के ईओ संजय कुमार जैसवार ने भी सहभागिता की । चेयरमैन के पार्टी कार्यालय पर हुई बोर्ड की बैठक को लेकर काफी किरकिरी भी हो रही है। नियम कानूनों को ताक पर रख कर बोर्ड की बैठक चेयरमैन के पार्टी कार्यालय पर कराने से तरह-तरह के सवाल उठने लगे हैं।
सभासद विनोद कुमार ने निदेशक स्थानीय निकाय, लखनऊ, मुख्य सचिव, नगर विकास विभाग लखनऊ, मंडलायुक्त अयोध्या, जिलाधिकारी और ईओ समेत अन्य अहलकारों को शिकायती प्रार्थना पत्र भेज कर वार्ड नंबर 12 मखदूमनगर दरगाह नई बस्ती चेयरमैन के पार्टी कार्यालय पर बोर्ड की बैठक न कराने की मांग की थी। सभासद विनोद कुमार ने अपने शिकायती प्रार्थना पत्र में यह भी तर्क दिया था कि नगर पालिका अधिनियम 1916 की धारा 86 की उपधारा 4 में यह उल्लेख है कि प्रत्येक बैठक नगर पालिका के कार्यालय में होगी। ऐसा स्थान न होने पर किसी अन्य स्थान पर बैठक हो सकती है, मगर वह स्थान सार्वजनिक होना चाहिए।
आम जनमानस में यह चर्चा जोरों पर है कि सार्वनिक स्थान पर बोर्ड की बैठक नहीं हुई, ऐसे में ईओ को चेयरमैन के पार्टी कार्यालय पर हुई बोर्ड की बैठक में भाग लेने से बचना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उधर, ईओ संजय कुमार जैसवार से पूछे जाने पर उनका कहना था कि यह मामला मेरे अधिकार क्षेत्र का नहीं है। चेयरमैन के अधिकार क्षेत्र का मामला है। इसलिए चेयरमैन अपने निजी कार्यालय पर बैठक करा रहे हैं।
किछौछा नगर पंचायत की टैक्सी स्टैंड के मामले में 24 अप्रैल को जिलाधिकारी ने नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी को संबंधित ठेकेदार को हटा कर नगर पंचायत प्रशासन को अपने स्तर से वसूली करने का निर्देश दिया था। लेकिन हैरत की बात यह है कि चेयरमैन ओंकार गुप्ता ने 26 अप्रैल को ही उल्टे जिलाधिकारी को पत्र लिख कर वसूली न रोकने का आग्रह किया था।