अंबेडकरनगर। 23 फरवरी, 2025
नौशाद खां अशरफी/अभिषेक शर्मा राहुल/जगदंबा प्रसाद यादव
जिले के बसखारी ब्लाक के डोड़ो गांव में एक शाम जैद खान व करीमुद्दीन सिद्धार्थनगरी के नाम बीती रात ऑल इंडिया कवि सम्मेलन व मुशायरे का आयोजन हुआ। इंकलाबी शायर कुमैल अहमद की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम का संचालन नसीम साज ने किया। शगुफ्ता अंजुम लखनऊ के संयोजन में कवि सम्मेलन व मुशायरे में मुख्य अतिथि के रूप से मौलाना सै. इरफान किछौछवी ने सहभागिता की।
जाफर बलरामपुरी के नातिया कलाम से अखिल भारतीय कवि सम्मेलन व मुशायरे की शुरुआत हुई। इंटरनेशनल शायर कुंवर जावेद ने अशआर पढ़ा कि इसलिए न हो पायी कातिलों की तस्दीकें, कत्ल करने वालों में कुर्सियां भी शामिल थीं। शगुफ्ता अंजुम लखनऊ ने गजल पढ़ा कि उल्फतों इश्क में किस तरह सिला चाहता है, आके नजदीक वो सांसों की हवा चाहता है। इंकलाबी शायर कुमैल अहमद ने राष्ट्रीय एकता पर अशआर पढ़ा कि कहीं पे कीर्तन कहीं पर अजान होती है, उसी ( ईश्वर/खुदा ) की शान मुसलसल बयान होती है, हमारी आपकी भाषाएं मुख्तलिफ ही सही हमारी जान तो हिन्दोस्तान होती है। नसीम साज ने कलाम पेश किया कि दुनिया जो मुझको कहती है तो क्या गम है, अच्छों को बुरा कहना दस्तूर पुराना है। शहंशाहे तरन्नुम हकीम इरफान आजमी ने पढ़ा कि जिक्रे महबूब सरेआम किया हो तो बता, इसी महफिल में तेरा नाम लिया हो तो बता।
शमीम सिद्धार्थनगरी, मल्लिकाए तरन्नुम, शाइस्ता सना, फैसल रब्बानी, काविश रूदौलवी समेत देश के विभिन्न क्षेत्रों के दो दर्जन कवि, कवियत्री व शायरों ने अपनी रचनाएं व शायरी पेश करके खूब वाहविहयां लूटीं। अखिल भारतीय कवि सम्मेलन व मुशायरे के आयोजन में औसाफ सिद्दीकी, मो. शाबान, जबीउल्लाह, मुस्तकीम सिद्दीकी, मो. आसिफ खान प्रधान, मो. आकिब, मो. सगीर, रेहान रजा, शाह आलम, मो. हस्सान, मो. अजमल, मो. सैफ, फखरुद्दीन समेत आयोजन समिति की पूरी टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
