अंबेडकरनगर। 05 मई, 2023
अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त किछौछा दरगाह में सूफी संत हजरत मखदूम अशरफ का 637 वां दो दिवसीय गुस्ल मुबारक बहुत ही खुशनुमा माहौल में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का समापन होते ही देश भर के जायरीनों ने अपने घरों को लौटना शुरू कर दिया है।
गुरुवार रात 9 बजे दरगाह के आस्ताने पर सूफी संत हजरत मखदूम अशरफ के गुस्ल मुबारक के मद्देनजर एक विशेष जलसा शुरू हुआ। यह जलसा देर रात को खत्म हुआ। कई नामी मौलाना, ओलमा, हस्तियों व अन्य वक्ताओं ने जलसा को संबोधित किया। नातखां व शायरों ने भी नातिया कलाम पेश किया। जलसे के अंत में सज्जादानशीन सै. मोहिउद्दीन अशरफ की मौजूदगी में दिवंगत सज्जादानशीन सै. फखरुद्दीन अशरफ के उत्तराधिकारी सै. मोहामिद अशरफ ने विशेष दुआएं मांगी। शुक्रवार को भोर में करीब चार बजे हजरत मखदूम अशरफ के मजार मुबारक को गुलाब व केवड़ा जल से गुस्ल दिया गया। देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए हुए जायरीन मिट्टी के घड़ों में पवित्र तालाब नीर शरीफ का जल, केवड़ा व गुलाब जल लेकर गुस्ल मुबारक के कार्यक्रम में सहभागिता की।
