अंबेडकरनगर। 11 मार्च, 2023
प्रसिद्ध सूफी संत हजरत मखदूम अशरफ के किछौछा दरगाह के सज्जादानशीन सै. फखरुद्दीन अशरफ के स्वर्गवास के मद्देनजर शनिवार को बसखारी स्थित उनके आवास पर कुल व फातिहा का आयोजन हुआ। इस दौरान उन्हें खेराजे अकीदत ( श्रद्धांजलि ) पेश की गई।
अंतर्राष्ट्रीय वक्ता गाजी-ए-मिल्लत मौलाना सै. हाशमी अशरफ उर्फ हाशमी मियां ने जलसे को संबोधित करते हुए कहा कि बसखारी में जब वे पैदा हुए तो उनका नाम सै. फखरुद्दीन अशरफ पड़ा लेकिन जब रूहानियत ( आध्यात्मिक शक्ति ) की दुनिया में आए और वे खुदा और सूफी संत मखदूम अशरफ के और करीब हो गए तो उनकी पहचान फखरुल मशायख के नाम से होने लगी। गाजी-ए-मिल्लत ने अपने खिताब में उपस्थित लोगों को सब्र से काम लेने और नमाज को कायम और जारी रखने के लिए मार्ग दर्शन दिया। गाजी-ए-मिल्लत के पुत्र मौलाना सै. नूरानी मियां ने खास शैली में मनकबत और नातिया कलाम पेश करके खूब वाहवाहियां लूटीं। कई अन्य ओलमा व मौलानाओं ने भी जलसे को संबोधित किया। जलसे के अंत में सलातो सलाम पेश किया गया और दिवंगत सज्जादानशीन सै. फखरुद्दीन अशरफ के हक में दुआ की गई।
कुल व फातिहा समेत विविध कार्यक्रमों में मौलाना जलालुद्दीन मिस्बाही, मौलाना सै. वली अशरफ उर्फ अच्छू मियां, सै. फैजान अहमद चांद मियां, मजहरुद्दीन अशरफ, बदीउद्दीन अशरफ, शारिक मियां, सै. गौस अशरफ, रस्सू मियां, हाईकोर्ट के अधिवक्ता सै. महफूजुर्रहमान, मसूद मियां, प्रधानाचार्य अमीन खां, क्लर्क कयामुद्दीन, फरहान अशरफ, शैखू मियां समेत अन्य लोग मौजूद रहे।