नई दिल्ली। 25 मार्च, 2025
नौशाद खां अशरफी/अभिषेक शर्मा राहुल
देश के सर्वोच्च न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक विवादित व बहुचर्चित फैसले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई तय कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टिन जार्ज मसीह की पीठ 26 मार्च अर्थात् बुधवार को सुनवाई करेगी।
खास बात यह है कि यूपी के कासगंज जिले के 11 वर्षीय नाबालिग बच्ची के साथ कथित यौन शोषण से जुड़ा हुआ यह मामला है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक जज ने अभी हाल ही में अपने निर्णय में कहा था कि किसी नाबालिग बालिका के ब्रेस्ट ( छाती ) को पकड़ना, उसकी पायजामे की डोरी खींचना रेप या बलात्कार की कोशिश नहीं बल्कि गंभीर यौन हिंसा की श्रेणी में आता है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज के इस अप्रत्याशित फैसले के बाद केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी, राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल और लीगल एक्सपर्ट से जुड़े लोगों ने अपनी कड़ी नाराजगी का इजहार करते हुए सुप्रीम कोर्ट से सीधा हस्तक्षेप करने की मांग की थी।










































