अंबेडकरनगर। 11 मई, 2022 नौशाद खां अशरफी/अभिषेक शर्मा राहुल
वन रेज बसखारी क्षेत्र में वन विभाग के कर्मचारियों तथा लकड़ी माफियाओं की सांठगांठ से हरे पेड़ों पर धड़ल्ले से आरा चल रहा है। लकड़ी माफियाओं ने पेड़ को काटने के लिए एक तरीका ढूंढ निकाला है। पहले हरे पेड़ों को काट कर गिरा दिया जाता है और बोटों को सूखने का इंतजार किया जाता है। इसके बाद वन विभाग के स्टाफ यह दुहाई देते हैं कि पेड़ आधी में गिर गया था इसलिए इसका कटान होना जरूरी था।
खास बात यह है कि बिना कोई आंधी -तूफान आए मकोईया विद्युत घर के सामने स्थित लगभग 5 बीघे आम के बाग को क्षेत्र के लकड़ी माफियाओं ने वन विभाग के संबंधित स्टाफ से सांठगांठ करके कटान कर जमींदोज कर दिया। वहीं, बेलापरसा में स्थित प्रतिबंधित महुआ के पेड़ को वन माफिया के तरफ से काटे जाने पर स्थानीय ग्राम वासियों ने डायल 112 के साथ वन विभाग के समक्ष शिकायत की थी। वन विभाग की ओर से पेड़ काटने को लेकर नपा तुला बयान लोगों को दिया जाता है कि आंधी में पेड़ गिर गया था। इसलिए काटना जरूरी था। जबकि खड़े पेड़ को लकड़ी माफिया धड़ल्ले से काटा रहे है। ऐसा प्रतीत होता है कि वन विभाग के स्टाफ के तरफ से लकड़ी माफियाओं के खिलाफ ठोस कार्रवाई के बजाए उनको संरक्षण किया जा रहा है। बेला परसा में डायल 112 के पहुंचने पर लकड़ी माफियाओं ने कटान को रोक दिया गया तथा उनके जाने के बाद पेड़ को काटकर गिरा दिया गया। बसखारी क्षेत्र में धड़ल्ले से हो रहे कटान पर वन विभाग के कानों पर जू नहीं रेग रहा है। इस संदर्भ में वन रेजर आरबी सोनकर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि आधी में पेड़ गिर गया था। ऐसे में काटना जरूरी था।