अंबेडकरनगर। 16 मई, 2024
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त किछौछा दरगाह में सूफी संत हजरत मखदूम अशरफ के 638 वें वार्षिक गुस्ल मुबारक के मद्देनजर गुरुवार देर रात होने वाले जलसे और शुक्रवार भोर में मजार मुबारक के होने वाले गुस्ल ( स्नान ) कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश भर से आने वाले जायरीनों की भीड़ देर रात तक देखी गई।
गुरुवार सुबह से ही जायरीनों ने यहां डेरा डालना शुरू कर दिया था। दो दिवसीय गुस्ल मुबारक के मौके पर जायरीनों की भारी भीड़ उमड़ी रही। भीषण गर्मी के कारण जायरीनों में पीने के पानी को लेकर त्राहि-त्राहि मची रही। लेकिन खानकाह गौसुल आलम के प्रमुख व पीरजादा सै. खलीक अशरफ ने जायरीनों की प्यास बुझाने के लिए एक खास पहल की। इस कवायद के मद्देनजर उन्होंने अपने खानकाह के सामने प्याऊ कैंप लगाया। यहां पहुंचने वाले हजारों जायरीनों को खलीक अशरफ ने शर्बत पिलाया और अपनी टीम के सहयोग से श्रद्धालुओं में बोतल बंद पानी व पानी के पैकेट का वितरण कराया। जायरीनों के छोटे बच्चों के लिए उन्होंने विशेष प्रकार के शर्बत का इंतेजाम किया था। उधर, पीरजादा खलीक अशरफ ने अफसोस का इजहार करते हुए कहा कि मई के इस भीषण गर्मी व कड़ी धूप के मौसम में खानवादए के कुछ लोगों ने हजरत मखदूम अशरफ के गुस्ल मुबारक का कार्यक्रम रख दिया, किसी से कोई सलाह-मशविरा तक नहीं किया गया जो काफी चिंताजनक कृत्य है। उन्होंने बल देकर कहा कि किछौछा दरगाह एक एंटरनेशनल दरगाह है। दरगाह में किसी भी प्रकार के कार्यक्रम आयोजन से पहले एक सामूहिक राय लेकर आम सहमति बनाने की कवायद करनी चाहिए। फिलहाल ऐसा नहीं हो पा रहा है, जो दरगाह के हित में ठीक नहीं है।