अंबेडकरनगर। 24 मार्च, 2024
नौशाद खां अशरफी/अभिषेक शर्मा राहुल
इसे कुदरत का करिश्मा कहें या संयोग या फिर चमत्कार। 4 साल के एक मासूम ने रोजा रख कर एक नई इबारत लिख डाली। इतना ही नहीं इस मासूम की 7 साल की बहन ने भी रोजा रख कर अपने छोटे भाई ( 4 साल ) की हौसला अफजाई भी की।
जी, हां! कुछ ऐसा ही हैरतअंगेज कारनामा हुआ, जिले के बसखारी कस्बे में। 23 मार्च शुक्रवार, 2024 को इस साल का 11 वां रोजा था। लेकिन 4 वर्ष के नन्हे रोजेदार अब्दुर्रहमान पुत्र अब्दुल कुद्दुस ने अपनी जिंदगी का पहला रोजा रख कर एक अनूठी मिसाल कायम की है। नन्हे रोजेदार अब्दुर्रहमान ने शुक्रवार सुबह से ही अपने घर पर इस जिद पर अड़े थे कि वह अपने जीवन का पहला रोजा जरूर रखेंगे। पिता अब्दुल कुद्दुस और मां समेत घर वालों ने दोपहर 12 बजे तक इंतेजार करते रहे कि बच्चे को भूख-प्यास लगने पर वह कुछ डिमांड करेगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ और आखिरकार शाम करीब सवा 6 बजे अब्दुर्रहमान अपनी जिंदगी का पहला रोजा रखने में कामयाब हो गए। खास बात यह है कि 4 साल के मासूम अब्दुर्रहमान की 7 साल की बहन कनीज फात्मा ने भी अपनी जिंदगी का पहला रोजा रख कर अपने भाई का बखूबी साथ दिया। शाम को रोजा खोलने के दौरान इन दोनों बच्चों को फूलों का सेहरा पहना कर घरवालों व इलाकाई लोगों ने गर्मजोशी से इस्तकबाल किया।