अंबेडकरनगर। 05 अक्तूबर, 2023
जिले के बसखारी ब्लाक के डोड़ो गांव निवासी इंकालबी शायर व भाजपा समर्थक मंच के साहित्य संस्कृति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुमैल अहमद के द्वारा लिखे गये नबी की शान में नातिया कलाम, वली की शान में मनकबत और देश का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा की शान में लिखी गईं पक्तियां काफी मशहूर हो चुकी हैं। यही नहीं इंकलाबी शायर कुमैल अहमद की ओर से लिखे गए नातिया कलाम, अशआर को नातखां और शायर ऑल इंडिया नातिया मुशायरों और छोटी-बड़ी जलसों समेत अन्य कार्यक्रमों में पेश करके खूब वाहवाहियां लूट रहे हैं।
पेश है इंकालबी शायर कुमैल अहमद के द्वारा लिखे गए कुछ नातियां कलाम और राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा की शान में लिखी गईं पक्तियां :-
मुस्तफा के इश्क में सरशार होना चाहिए
इश्क है आका से तो इज़हार होना चाहिए
आपके क़ूज़े में भी दरिया सिमट कर आएगा
शर्त यह है ख्वाजा सा किरदार होना चाहिए
डूबते सूरज को पलटाया नबी का मऔजेज़ा
अश्के हैदर शाह का रुखसार होना चाहिए
इश्क में डूबी हुई नअते सुनाने के लिए
तुझको अहमद मुस्तफा से प्यार होना चाहिए
वह जो कुल कायनात वाला है
उसका महबूब भी निराला है
वह तो रहमत है सारे आलम की
उन के सदके में हर निवाला है
रोज महशर गुनहगारों को
जो छुपाए वह कमली वाला है
उनकी तारीफ लिखते रहिए कुमैल
सारे जग में जो सबसे आला हैं
मेरे वतन की तू है बड़ी शान तिरंगा
तू हिंद की अज़मत का निगेहबान तिरंगा
तुझको सलामी देने को दिल बेकरार है
तेरे ही दम से अपने चमन में बहार है
हम देशवासियों का है अभिमान तिरंगा
मेरे वतन की तू है बड़ी शान तिरंगा
तू हिन्दू की अज़मत का निगेहबान तिरंगा
तू शान से लहराये यही अज़्म हमारा
पड़ने नहीं देंगे किसी दुश्मन का भी साया
हर मज़हबो मिल्लत का है सम्मान तिरंगा
मेरे वतन की तू है बड़ी शान तिरंगा
तू हिंद की अज़मत का निगहबान तिरंगा
तुझको कुमेल जैसे हज़ारों का हो सलाम
तुझको करोड़ों देश के वासी का है पयाम
लहराये सदा अम्न की पहचान तिरंगा
मेरे वतन की तू है बड़ी शान तिरंगा
तू हिंद की अज़मत का निगेहबान तिरंगा