अंबेडकरनगर। 29 जुलाई, 2023
प्रसिद्ध सूफी संत हजरत मखदूम अशरफ की किछौछा दरगाह पर शनिवार रात में नौहा-मसीहों की गूंज के बीच ऐतिहासिक बड़ी ताजिया को दफनाया गया। इस मौके पर कस्बा बसखारी, किछौछा नगर समेत आसपास के दर्जनों छोटी-बड़ी ताजियों को भी सुपुर्दे खाक किया गया। इसके साथ ही आठ दिनों तक चलने वाले मोहर्रम के रात्रि जुलूस का समापन भी हो गया। दरगाह में ताजियों को दफनाने के कार्यक्रम में देश भर के करीब एक लाख जायरीनों ने सहभागिता की।
इसके पूर्व 9 मोहर्रम की रात ( शुक्रवार ) को दरगाह शरीफ से ऐतिहासिक बड़ी ताजिया निकाली गई। ताजिया का जुलूस विभिन्न क्षेत्रों से होकर पूरी रात कूच करता रहा। शनिवार दोपहर में पहलवान शहीद मजार परिसर में बने चौक पर दरगाह की ऐतिहासिक ताजिया जायरीनों के दर्शन के लिए रखी गई। शाम करीब छह बजे बसखारी के ताजिया का जुलूस पहुंचा और दरगाह के जुलूस में शामिल हो गया। शाम करीब 06.30 बजे इंतेजामिया कमेटी के अध्यक्ष सै. अजीज अशरफ के साथ सज्जादानशीन व मुतवल्ली सै. मोहिउद्दीन अशरफ व पूर्व सज्जादानशीन सै. फखरुद्दीन अशरफ के पुत्र व उत्तराधिकारी सै. मोहामिद अशरफ उर्फ शारिक मियां पहुंचे और दरगाह की ऐतिहासिक ताजिया के पास दुआएं मांगी गई। इसके बाद यहां से ताजियों के उठने का क्रम शुरू हो गया। सलामी गेट, मलंग गेट होते हुए ताजियों के जुलूस का काफिला दरगाह पहुंचा और पवित्र तालाब के तट पर रात करीब आठ बजे सभी ताजियों को सुपुर्द-ए-खाक किया गया। अंडरट्रेनिंग एसडीएम अतुल सिंह के साथ एसओ बसखारी जय प्रकाश सिंह मय फोर्स के जुलूस की सुरक्षा व्यवस्था में डटे रहे। उधर, पीरजादगान इंतेजामिया कमेटी के उपाध्यक्ष आले मुस्तफा उर्फ छोटे बाबू पूर्व सभासद फरहान खां, लतीफ अंसारी समेत अपने वॉलेंटियर्स के साथ मौजूद रहे।