नई दिल्ली। 28 फरवरी, 2021 ( वित्त मंत्रालय के हवाले से )
आयकर विभाग ने चेन्नई स्थित एक जाने-माने व्यावसायिक समूह के ठिकानों पर 26 फरवरी को छापे मारी की। समूह से जुड़े 11 ठिकानों पर छापे मारे गए और 9 स्थानों पर सर्वेक्षण किए गए हैं जो तमिलनाडु, गुजरात और कोलकाता में स्थित हैं। यह व्यावसायिक समूह टाइल्स और सैनीटरी वेयर के उत्पादन और विपणन के व्यवसाय से संबद्ध है और दक्षिण भारत का टाइल्स के व्यवसाय का अग्रणी समूह है।
तलाशी अभियान में टाइल्स की बिक्री और खरीद के गैर हिसाबी मामलों का पता चला है। तलाशी दल के प्रयासों के चलते गैर लिखित लेन देन के विवरण सामने आए हैं जो खुफिया कार्यालय और क्लाउड से संचालित सॉफ्टवेर पर दर्ज थे। पता चला है कि व्यवसायिक समूह के 50 प्रतिशत के करीब लेन-देन को लेखा पुस्तिका से अलग रखा गया है। पिछले टर्न ओवर को ध्यान में रखते हुए किए गए आंकलन के मुताबिक तकरीबन 120 करोड़ रुपये की आय को छिपाया गया है। यह 100 करोड़ रुपये की अघोषित आय के अतिरिक्त है जिसे व्यावसायिक समूह ने छद्म कंपनियों के माध्यम से शेयर प्रीमियम के रूप में दिखाया था।
अब तक 220 करोड़ रुपये की कुल अघोषित आय का पता चला है। 8.30 करोड़ रुपये की नकदी भी बरामद हुई है जिसे विभाग द्वारा जब्त कर लिया गया है।
छापेमारी और जांच की कार्रवाई अभी जारी है।
विभाग ने इस बात की निगरानी करने की भी पूरी तैयारी की है कि कहीं इन पैसों का दुरुपयोग मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए तो नहीं किया जा रहा है। विभाग तमिलनाडु और पुद्दुचेरी में गैर हिसाबी धन के स्रोतों और इसके प्रवाह पर भी नजर रखने को लेकर प्रतिबद्ध है।