लखनऊ। 05 नवंबर 2022
आज प्रशिक्षण कार्यक्रम में हमें फाइलेरिया ग्रसित अंगों की देखभाल, साफ – सफाई और व्यायाम के बारे में बताया गया है। हम उसका नियमित रूप से अभ्यास करेंगे। यह कहना है मोहनलालगंज ब्लॉक के त्रिलोकपुर ग्राम के फाइलेरिया नेटवर्क/ “फूलमती माता रोगी सहायता समूह” की सदस्य शिवप्यारी और रूपरानी का। वह कहती हैं कि जब से हम फाइलेरिया रोगी सहायता समूह के सदस्य बने हैं तब से हमें इस बीमारी के बारे में बहुत सी जानकारियाँ मिली हैं और बीमारी को लेकर जो गलतफहमियाँ थीं वह भी काफी हद तक दूर हुई हैं । अब हम यह जानने के बाद गाँव के बाकी लोगों को भी फाइलेरिया के बारे में जानकारी देते हैं और साल में एक बार फाइलेरिया की दवा खाने के लिए कहते हैं । हमें यह भी बताया गया है कि आशा दीदी साल में एक बार इसकी दवा बाँटती हैं।
शनिवार को त्रिलोकपुर गाँव के प्राथमिक विद्यालय में “फूलमती माता” फाइलेरिया रोगी सहायता समूह” के सदस्यों को रुग्णता प्रबंधन एवं दिव्यांगता (एमएमडीपी) का प्रशिक्षण दिया गया द्य यह प्रशिक्षण कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के डा. सतीश पांडे ने दिया द्य उन्होंने बताया कि फाइलेरिया ग्रसित रोगी को नियमित तौर से व्यायाम करना चाहिए। प्रभावित अंगों पर एंटीसेप्टिक क्रीम लगानी चाहिए द्य यदि मरीज का पैर प्रभावित है तो उसे मुलायम जूते या चप्पल पहनने चाहिए द्य इसके साथ ही उन्होंने व्यायाम करके भी दिखाए।
जिला मलेरिया अधिकारी डा. रितु बताती हैं कि फाइलेरिया एक मच्छरजनित बीमारी है । यह गंदे पानी में पनप रहे मच्छरों के काटने से होता है द्य जहां भी पानी इकट्ठा होगा वहाँ मच्छर पनपेंगे । फाइलेरिया रोगी नेटवर्क के सदस्य समुदाय को मच्छरजनित परिस्थितियाँ उत्पन्न न करने के लिए जागरूक करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
इस मौके पर फूलमती माता फाइलेरिया रोगी सहायता समूह के 5 सदस्यों सहित कुल 11 फाइलेरिया के मरीजों को प्रशिक्षण दिया गया।