अंबेडकरनगर। 10 जुलाई, 2025
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त किछौछा दरगाह में 29 जून से लेकर छह जुलाई तक आठ दिवसीय मोहर्रम के मेला के मद्देनजर सूफी संत हजरत मखदूम अशरफ के मजार मुबारक ( समाधि स्थल ) के प्रवेश द्वार पर सादे लिबास में बसखारी थाने के पुलिसकर्मियों की तैनाती नहीं देखी गई।
परिणामस्वरूप, देश भर से आए हुए जायरीन बड़ी संख्या में जेबकतरी का शिकार हुए। जेबकतरी के शिकार जायरीनों ने दरगाह की इंतेजामिया कमेटी कार्यालय व पीरजादगान कमेटी दफ्तर के रजिस्टर पर निकाली गई मोबाइल फोन, सोने की चेन, नगदी समेत अन्य सामान तथा अपने घर का पूरा पता मोबाइल नंबर भी अंकित करवाया। खास बात यह है कि कलेक्ट्रेट में 26 जून को किछौछा दरगाह के मोहर्रम व वार्षिक उर्स मेला को लेकर हुई तैयारी बैठक में दरगाह से जुड़े लोगों ने सादे कपड़ों में दर्शन स्थल पर पुलिसकर्मियों को तैनात करने का अनुरोध किया था। डीएम की मौजूदगी में एसपी ने बसखारी थानाध्यक्ष को सादे लिबास में पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाने के लिए निर्देश भी दिए थे।











































