अंबेडकरनगर। 16 नवंबर, 2022 नौशाद खां अशरफी/अभिषेक शर्मा राहुल
किछौछा से बरियावन लिंक मार्ग टूट-फूट कर बदहाल हो गया है। एक तरफ जहाँ यह मार्ग प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार रहा है वही दूसरी तरफ जनता से हाथ जोड़कर वोट मांगने वाले जनप्रतिनिधियों ने भी कभी इसकी सुध नही ली। जिसके नतीजतन आज तक इस संपर्क मार्ग का कायाकल्प नहीं हो सका है।
किछौछा-गोलपुर चौराहे से बरियावन तक जाने वाला सात किलोमीटर लंबी यह सड़क जनपद की तीन विधानसभा से होकर गुजरता है। किछौछा से करीब दो किलोमीटर तक टांडा तीन किलोमीटर तक जलालपुर व अंतिम दो किलोमीटर अकबरपुर विधानसभा क्षेत्र में आता है।
सात किलोमीटर की यह पूरी सड़क मौजूदा समय में सैकड़ों गड्ढों में तबदील हो गयी हैं। बरियावन से किछौछा तक इस सड़क के किनारे दर्जनों गांव कुछ निजी विद्यालय समेत एक-दो छोटी बाजार आबाद है। प्रतिदिन सैकड़ों छात्र, स्कूल की बसें, छोटे वाहन इस सड़क से होकर गुजरते है। सड़क ख़राब होने से जहाँ लोगों को अपने गंतव्य तक पहुँचने में समय भी लग जाता हैं, वही दूसरी ओर वाहनों में भी टूट फुट होती रहती है। किछौछा दरगाह में प्रतिवर्ष सूफी संत मखदूम अशरफ की मजार पर लगने वाले उर्स पर जब भारी संख्या लोगों का आना होता है तब भी यह मार्ग उर्स में आने वाले जायरिनों के अकबरपुर जाने का एक बेहतरीन वैकल्पिक मार्ग होता है औऱ बसखारी कस्बे पर यातायात दवाब भी कम करता है। सड़क किनारे स्थित गांव वाले शासन-प्रशासन से एक अच्छी सड़क की आस लगायें बैठे है लेकिन निकट भविष्य मे भी इसकी उम्मीद कम ही दिख रही है।