अंबेडकरनगर। 28 दिसंबर, 2025
जिले के किछौछा नगर पंचायत के चेयरमैन कुछ सभासदों को साथ लेकर अधिशासी अधिकारी के कक्ष के पास धरने पर बैठ गए। हंगामा और बवाल होते देख असहज महसूस कर रहे ईओ ने तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दी। बसखारी थाने से आए पुलिसकर्मियों की सुरक्षा घेरे में ईओ को जैसे-तैसे बाहर निकाला गया।
इस विवाद का वीडियो शुक्रवार दोपहर से लेकर शाम तक सोशल मीडिया पर खूब वायरल होता रहा। किछौछा नगर पंचायत में आए दिन हो रहे विवाद को लेकर इलाकाई लोग भी काफी हतप्रभ व निराश हैं। बताया जाता है कि 28 दिसंबर से लेकर 2 जनवरी 2025 तक करीब छह दिनों तक किछौछा नगर पंचायत कार्यालय का ताला बंद था। सभी सफाईकर्मी कार्य बहिष्कार करके हड़ताल पर चले गए थे। जिला प्रशासन भी इस मामले को लेकर काफी नाराज चल रहा था। प्रशासन ने अकबरपुर, टांडा व इल्तिफातगंज समेत तीन निकायों से सफाईकर्मियों की टीम लगा कर किछौछा नगर पंचायत क्षेत्र में सफाई अभियान चलाया था। इस पूरे प्रकरण से जिलाधिकारी अविनाश सिंह भी काफी नाराज चल रहे थे और सफाईकर्मियों का आउटसोर्सिंग ठेका/टेंडर निरस्त करने की चेतावनी दी थी। खास बात यह है कि 27 फरवरी को सफाईकर्मियों की आउटसोर्सिंग से जुड़े टेंडर प्रक्रिया में विहित प्राविधानों, शासनादेशों, नियम एवं नियामावली का उल्लंघन किए जाने के कारण ठेका कंपनी मेसर्स जेके इंफ्रा को ब्लैक लिस्ट ( काली सूची ) में डालते हुए भविष्य में होने वाले समस्त टेंडर प्रक्रियाओं में प्रतिभाग करने से प्रतिबंधित किया गया है।
ईओ ने सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु जिलाधिकरी, अपर जिलाधिकारी, जिला सूचना अधिकारी समेत अन्य अहलकारों को पत्र प्रेषित किया था। संभवतः इस कारण ही चेयरमैन ओंकार गुप्ता शुक्रवार दोपहर करीब 12.30 से एक बजे के दौरान ईओ संजय जैसवार के आफिस कक्ष के बाहर 8 से 11 सभासद/सभासद पतियों को लेकर धरने पर बैठ गए। ईओ संजय जैसवार ने बताया कि धरने पर चेयरमैन के साथ दस्तगीर अहमद, प्रदीप कुमार, राम आधार यादव, सूर्यलाल उपाध्याय समेत अन्य सभासद व सभासद पतियों ने उनके कक्ष का घेराव किया था। ईओ ने यह भी बताया कि ऐसा प्रतीत हुआ कि उन्हें बंधक बना लिया गया है और बाहर वो नहीं निकल पा रहे थे। बकौल ईओ तत्काल इसकी सूचना बसखारी थानाध्यक्ष को दी गई और अंततः पुलिस फोर्स की घेराबंदी में वे किसी तरह बाहर निकल पाए। ईओ ने कहा कि उनके साथ बदसलूकी की गई। उधर, चेयरमैन ओंकार गुप्ता ने ईओ के सभी आरोपों का खंडन किया है और कहा कि बंधक बनाने की बात पूरी तरह से निराधार है। कहा कि वे कत्तई धरने पर सभासदों को लेकर नहीं बैठे थे। चेयरमैन ने यह भी कहा कि ईओ की कार्यशैली को लेकर स्वयं वे और कुछ सभासद नाराज जरूर चल रहे थे। अध्यक्ष ने यह भी बताया कि ईओ के खिलाफ तीन शिकायती प्रार्थना पत्र डीएम को भेजा गया है।
