अंबेडकरनगर। 23 दिसंबर, 2024
जिले के नेशनल हाई-वे लुंबिनी-दुद्धी वाया वाराणसी ( एनएच 233 ) पर बसखारी थाना क्षेत्र के शुक्लबाजार के पास परिवहन निगम की बस की टक्कर में बाइक सवार किशोर गंभीर रूप से घायल हो गया। जबकि उसका एक साथी आंशिक रूप से जख्मी हुआ। पुलिस कर्मियों के सहयोग से एंबुलेंस के जरिए किशोर को सीएचसी बसखारी लाया गया। यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। स्थानीय पुलिस ने पंचनामा करा कर पोस्टमार्टम कराने के लिए शव को जिला मुख्यालय भेज दिया है।
बताया जाता है कि रविवार देर शाम को कटका थाना क्षेत्र के सेमरा, रफीगंज निवासी किशोर विजय ( 16 वर्ष ) पुत्र मुखराज बसखारी थाना क्षेत्र के ग्राम रूढ़ी में अपने ननीहाल आया हुआ था। यहां कुछ घंटे बीताने के बाद एक साथी सभाजीत निषाद पुत्र भोला निषाद के साथ ग्राम रूढ़ी से बाइक से अपने घर ( सेमरा, रफीगंज ) जा रहा था। बसखारी से न्योरी के तरफ बाइक से यह दोनों चले ही थे कि इस दौरान परिवहन निगम की बस सं-यूपी78 जेएन 6992 और एक बोलेरो गाड़ी भी बसखारी से न्योरी के तरफ जा रही थी। इस बीच, इस बोलेरो वाहन को ओवरटेक करके रोडवेज की बस काफी तेज रफ्तार से आगे बढ़ने लगी। शुक्लबाजार से करीब 100 मीटर पहले झखरवारा मोड़ के पास रोडवेज बस ने बाइक सवार दोनों को जोरदार टक्कर मारी। जिससे बाइक सवार किशोर विजय गंभीर रूप से व उसका साथी भोला निषाद आंशिक रूप से घायल हो गया। सूचना मिलते ही लहटोरवा चौकी के उपनिरीक्षक आलोक शुक्ला अपने हमराही कांस्टेबल संजय सिंह को साथ लेकर मौके पर पहुंचे और उन्होंने एंबुलेंस के जरिए गंभीर रूप से घायल किशोर विजय को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बसखारी पर भिजवाया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और किशोर की मौत हो गई। बसखारी थाना प्रभारी निरीक्षक संत कुमार सिंह ने बताया मृतक किशोर के पिता मुखराज की तहरीर पर कि रोडवेज बस सं-यूपी78 जेएन 6992 के चालक नाम व पता अज्ञात के खिलाफ किसी व्यक्ति द्वारा की गई लापरवाही से हुई मौत समेत बीएनएस की संज्ञेय धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
मौत से पहले ननिहाल में था आखिरी दिन
अंबेडकरनगर। कटका थाना क्षेत्र के सेमरा निवासी किशोर विजय बहुत हंसी-खुशी से बसखारी थाना क्षेत्र के ग्राम रूढ़ी में अपने ननिहाल आया हुआ था। ननिहाल के लोगों ने किशोर विजय की बहुत खातिरदारी भी की। विजय अपने ननिहाल के लोगों से यह कह कर अपने घर सेमरा रफीगंज के लिए रवाना हुआ कि फिर वह दोबारा अपने ननिहाल में मिलने जल्द आएगा। लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। ननिहाल के लोगों व किशोर विजय को यह पता नहीं था कि उसके लिए वह दिन जिंदगी का आखिरी दिन था।