अंबेडकरनगर। 20 अगस्त, 2024
सामाजिक संस्था पैग़ाम-ए-हक़ वेलफेयर सोसायटी के बैनर तले किछौछा दरगाह स्थित “क़सरे मोईन“ हॉल में बीती रात मशहूर शायर राहत इंदौरी की याद में एक मुशायरे का आयोजन हुआ। सूफ़ी मेराजुद्दीन की अध्यक्षता व दबीर अहमद एडवोकेट के संयोजकत्व में हुए कार्यक्रम का संचालन ( निज़ामत ) सितारे उर्दू एवार्ड से सम्मानित मोहम्मद असलम खान ने किया। इस मौके पर आयोजन समिति की टीम के तरफ से लखनऊ के समाजसेवी सुल्तान खान को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
मोईनुद्दीन “ बशर “ गोरखपुरी के अशआर ( पंतियों ) “हमीं ने दूर किया वहशतों का सन्नाटा, हमारे घर में ही तन्हाइयां उतरती हैं” को खूब शाबाशी मिली। इज़हार “मुकद्दर“ किछौछवी ने जैसे पढ़ा कि “हर एक कदम पे यहां पर बवाल रखा है, बिछाके फिरका परस्तों ने जाल रखा है” लोग ठहाके लगाते हुए वाह-वाह करते हुए नजर आए। नफीस किछौछवी के इन अशआर “उसने इतना तो तेरे बारे में पूछा है नफीस, कुछ शिफा है कि वही पहला सा हाल उसका है” को खूब सराहा गया। शायर कुमैल अहमद ने जैसे ही पढ़ा कि “ मादरे हिंद की अजमत का निगेहबान रहूं, किसमें दम है जो मेरे घर से निकाले मुझको ” लोगों ने तालियां बजा कर खैरमकदम किया। अफरोज़ रोशन किछौछवी के इन अशआर “हज़ारों दाग हैं दामन पे जिसके, वही मेरी शिकायत कर रहा है” को भी खूब सराहा गया।
शायर हकीम इरफ़ान आज़मी ने खास शैली में शायरी पेश करके खूब वाहवाहियां लूटीं। फ़ैज़ान ख़ान, मातूफ सिद्दीकी, आसिफ सिद्दीकी, फुरकान लखनवी, इश्तियाक एडवोकेट, मास्टर इब्राहीम, मोहम्मद इस्लाम, आबिद सिद्दीकी, ज़िला पंचायत सदस्य मोहम्मद ज़ाकिर वरिष्ठ पत्रकार नौशाद खां अशरफी समेत अन्य लोग इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित रहे।