अंबेडकरनगर। 23 जुलाई, 2025
अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त किछौछा दरगाह में सूफी संत हजरत मखदूम अशरफ के 639वें सालाना उर्स पर बुधवार शाम को सज्जादानशीन सै. शाह मोहिउद्दीन अशरफ अशरफीउल जिलानी खिरका मुबारक पहनकर उर्स की रसूमात अदायगी की। वे हजरत मखदूम साहब का सैकड़ों साल पुराना खिरका-ए-मुबारक पहन कर, सर पर प्राचीन टोपी लगा कर व हाथ में ऐतिहासिक छड़ी मुबारक लेकर दरगाह के आस्ताने पर आए हुए थे।
इस मौके पर संदलपोशी हुई व रस्मे गागर भी अदा किया गया। आस्ताने के बाद सज्जादानशीन सै. मोहिउद्दीन अशरफ खिरका मुबारक समेत अन्य वस्तुओं को पहन कर लहदखाने में भी गए। यहां पर शिजराख्वानी हुई और दुआएं मांगी गई। पूर्व सज्जदानशीन सै. फखरुद्दीन अशरफ के भाई मोलाना मेराज अशरफ एडवोकेट ने उर्स में आए हुए देश भर के जायरीनों, हिन्दुस्तान की खुशहाली व विश्व शांति के लिए दुआएं मांगी। इसके पहले पूर्व सज्जादानशीन सै. शाह फखरुद्दीन अशरफ के बसखारी स्थित आवास पर सील करके तबर्रुक की कोठरी में रखा गया सूफी संत हजरत मखदूम अशरफ का प्राचीन व ऐतिहासिक खिरका मुबारक व अन्य वस्तुओं को पुलिस की कड़ी सुरक्षा में बुधवार दोपहर दो बजे निकाला गया। यहीं से खिरका मुबारक पहन कर पालकी में सवार होकर सज्जादानशीन जुलूस की शक्ल में बसखारी से तीन किमी की दूरी तय करते हुए किछौछा दरगाह पहुंचे। मलंग गेट पर पहुंचते ही यहां अहले खानदान, ओलमा, मशायख, खुद्दाम, मुजाविरीन और सभी फोकरा सज्जादानशीन का इस्तकबाल किया। आस्ताने पर देर रात तक हुए महफिले समा ( सूफी कव्वाली ) में सज्जादानशीन सै. मोहिउद्दीन अशरफ शामिल हुए।
, 27 मोहर्रम की रसूमात की अदायगी में सै. फैजान अहमद चांद मियां, सै. खलीक अशरफ, एआईसीसी सदस्य मेराजुद्दीन किछौछवी, मेराज अशरफ एडवोकेट, मजहरुद्दीन अशरफ, बदीउद्दीन अशरफ, माहे आलम खादिम फहद अशरफ, मिनहाज अशरफ, सै. सैफ, अल्हाज सै. अकील अशरफ, अयाज खान, जोहेब खान समेत अन्य लोग मौजूद रहे।










































