अंबेडकरनगर। 04 अप्रैल, 2025
अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त किछौछा दरगाह में आगामी 29 जून से मोहर्रम का ऐतिहासिक रात्रि जुलूस प्रारंभ होगा। आठ दिनों तक चलने वाले इस जुलूस का समापन 10 मोहर्रम यानी 6 जुलाई को होगा। मोहर्रम के जुलूस में देश भर के करीब एक लाख से ज्यादा जायरीन सहभागिता करेंगे।
खास बात यह है कि किछौछा दरगाह के मलंग गेट से लेकर सलामी गेट तक 350 मीटर सार्वजनिक मार्ग काफी पतला है और इस मार्ग के दोनों छोर पर काफी अतिक्रमण भी है। मार्ग के दोनों छोर पर नालियां भी खुली हुईं हैं और हर साल जुलूस में मार्ग पर अतिक्रमण होने से काफी धक्का मुक्की होती है और खुली हुई नालियों में मेलार्थी जायरीन गिरकर चोटिल भी हो जाते हैं।
10 मोहर्रम के जुलूस के समापन के लगभग एक पखवारा बाद प्रसिद्ध सूफी संत हजरत मखदूम अशरफ का सालाना उर्फ भी शुरू होने वाला है। इस उर्स के दौरान देशभर के लगभग 5 लाख की संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे। खास बात यह है कि उर्स में आने वाले जायरीन भी इसी सलामी गेट से होते हुए मलंग गेट होकर दरगाह शरीफ दर्शन करने के लिए पहुंचेंगे। अरसे से यह मांग उठती रही है की दरगाह के मलंग गेट से लेकर सलामी गेट तक जो अतिक्रमण है, उसे हटवा दिया जाए। स्थानीय दुकानदार दोनों छोर पर कम से कम डेढ़ फिट पीछे हट जाएं जिससे यह मार्ग तीन फिट और चौढ़ा हो जाए।
प्रशासनिक अहलकारों ने इस मार्ग को चौड़ीकरण करने का कार्य समय रहते यदि पूरा नहीं कराया तो लाजिमी है कि दरगाह में मोहर्रम के ताजिया के जुलूस के दौरान या उर्स के दौरान कोई भगदड़ या अप्रिय घटना न हो जाए। जिसकी भरपायी हो पाना भी मुमकिन न होगा। पीरजादा सै. खलिक अशरफ कई बार जिला स्तरीय पीस कमेटी की बैठक में जिले के शीर्ष अधिकारियों के समक्ष रास्ता चौड़ीकरण की मांग उठाते रहे हैं। लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। खलीक अशरफ की मार्ग चौड़ीकरण की मांग से खानवादए अशरफिया के तमाम लोग भी सहमत हैं। उधर, ईओ किछौछा संजय जैसवार का कहना है कि जब उन्हें प्रशासनिक अहलकारों के तरफ से लिखित आदेश मिलेगा तो उसे जरूर अमल में वे लाएंगे।
